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बंदर बताएंगे कौन जीतेगा अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव! पढ़ सकते हैं मतदाताओं का रुझान; रिसर्च में खुलासा

इंसानों की तरह बंदर भी चुनाव का रुझान बता सकते हैं और संकेत दे सकते हैं कि कौन जीतने वाला है। एक शोध के मुताबिक ऐसे फैसले लेने के लिए रीसस मैकाक नामक प्रजाति में भी वह प्रांरभिक प्रवृत्ति होती है जिससे मतदाता अपने उम्मीदवार का चयन करते हैं। जब मतदान जैसे निर्णयों की बात आती है तो लोग उतने तर्कसंगत नहीं होते जितना वे मानना ​​चाहते हैं।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 04 Nov 2024 07:51 PM (IST)
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रिसर्च के अनुसार जब मतदान जैसे निर्णयों की बात आती है तो लोग उतने तर्कसंगत नहीं होते। (File Image)
पीटीआई, पेंसिल्वेनिया। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। पोलस्टर और पंडित नतीजों की भविष्यवाणी करने के लिए वोटिंग का ट्रेंड समझने का प्रयास कर रहे हैं।

लेकिन एक शोध से पता चलता है कि इसका जवाब राजनीतिक डेटा या अभियान रणनीतियों में नहीं, बल्कि मानव मस्तिष्क के प्रारंभिक हिस्से की प्रवृत्ति में है? रीसस मैकाक बंदरों के साथ किए गए नए शोध से पता चलता है कि जब मतदान जैसे निर्णयों की बात आती है तो लोग उतने तर्कसंगत नहीं होते जितना वे मानना ​​चाहते हैं।

प्रारंभिक प्रवृत्तियों की वजह से काम नहीं करता मस्तिष्क

शोध के अनुसार मनुष्यों के पास एक तर्कसंगत मस्तिष्क भी होता है, जो सबूत इकट्ठा कर सकता है और उसका मूल्यांकन कर सकता है। यह बिना सोचे-समझे प्रतिक्रिया करने के बजाय सोच-समझकर काम कर सकता है। शोधकर्ता कहते हैं कि ऐसा लगता है कि तर्कसंगत मस्तिष्क उन स्थितियों में प्रारंभिक प्रवृत्तियों की वजह से काम नहीं करता है, जहां तर्कसंगतता लोगों के लिए बेहतर काम कर सकती है।

इन कारणों का पता लगाने के लिए शोधकर्ता पिछले 25 वर्षों से रीसस मैकाक का अध्ययन कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार ये बंदर आनुवंशिक रूप से, शारीरिक रूप से और व्यवहारिक रूप से लोगों के समान हैं। इन समानताओं ने शोधकर्ताओं को पोलियो, एचआईवी/एड्स और कोविड-19 के लिए टीकों के विकास के साथ-साथ पार्किंसंस रोग और अन्य विकारों के लिए डीप ब्रेन स्टिमुलेशन उपचार सहित अविश्वसनीय चिकित्सा सफलताएं हासिल करने की अनुमति दी है।

(शोधकर्ता पिछले 25 वर्षों से रीसस मैकाक का अध्ययन कर रहे हैं। Photo- Internet Media)

नए शोध में मिले हैं कई जवाब

पिछले शोध से पता चला है कि वयस्क मानव और स्कूलों में प्रारंभिक रूप से शिक्षारत लोग समान रूप से उम्मीदवार की तस्वीर दिखाए जाने के बाद चुनाव परिणामों के बारे में सटीक रूप से आकलन कर सकते हैं। बहुत सारे साक्ष्य इस विचार का समर्थन करते हैं कि हमारा प्रारंभिक मस्तिष्क हमें शारीरिक उपस्थिति के आधार पर जल्दी से पहला प्रभाव बनाने के लिए प्रेरित करता है।

हांलाकि, शोधकर्ता अभी तक यह नहीं समझ पाए हैं कि यह पूर्वाग्रह क्यों बना हुआ है। रीसस मकाक पर नए शोध ने कुछ उत्तर प्रदान किए हैं। अध्ययन रिपोर्ट पत्रिका ‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द रॉयल सोसाइटी बी’ में समीक्षाधीन है। शोधकर्ताओं ने बंदरों को अमेरिकी गवर्नर और सीनेट चुनावों से उम्मीदवारों की तस्वीरें दिखाईं और उन्होंने पूरी तरह से दृश्य विशेषताओं के आधार पर परिणामों के बारे में सटीक प्रतिक्रिया दी।

हारने वाले उम्मीदवार को अधिक समय तक देखा

विशेष रूप से, बंदरों ने विजेता की तुलना में हारने वाले को देखने में अधिक समय बिताया। बंदरों की इस दृष्टि से न सिर्फ चुनाव परिणामों के बारे में, बल्कि उम्मीदवारों के वोट शेयर के बारे में भी पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार निःसंदेह, मतदाता मकाक नहीं हैं, लेकिन मनुष्यों के ‘प्राइमेट’ रिश्तेदारों के साथ साझा की जाने वाली अंतर्निहित मूल प्रवृत्ति अब भी सूक्ष्मता से हमारे निर्णयों को आकार दे सकती है।

इन प्राचीन संकेतों की भूमिका को स्वीकार करने से लोगों को मतदान केंद्र में अपनी शक्ति का प्रयोग करने के बारे में अधिक जागरूक बनने में मदद मिल सकती है। जैसे-जैसे लोकतंत्र विकसित होता है, वैसे-वैसे मनुष्यों की समझ भी विकसित होनी चाहिए कि इसके साथ कैसे जुड़ना है।