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रूस और यूक्रेन के बीच 271 कैदियों की अदला-बदली, यूक्रेन ने पुतिन के खास विपक्षी नेता मेदवेदचुक को रिहा किया

यूक्रेन और रूस के बीच बंदियों की अदला-बदली हुई है। इसके तहत मारीपोल की स्टील फैक्ट्री से पकड़े गए 215 यूक्रेनी और विदेशी लड़ाकों को रूसी कैद से मुक्त कराया गया है। यूक्रेन ने भी रूस के कई नागरिक छोड़े हैं।

By AgencyEdited By: Krishna Bihari SinghUpdated: Thu, 22 Sep 2022 07:53 PM (IST)
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यूक्रेन और रूस ने बंदियों की अदला-बदली का एलान किया है।
कीव, एपी। यूक्रेन ने गुरुवार को रूस के साथ बंदियों की अदला-बदली का एलान किया। इसमें कई उच्च स्तरीय लोगों को मुक्त एक-दूसरे को सौंपा गया। इस अदला-बदली के लिए महीनों से चल रही बातचीत में मारीपोल की स्टील फैक्ट्री से पकड़े गए 215 यूक्रेनी और विदेशी लड़ाकों को रूसी कैद से मुक्त कराया गया है। बदले में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खास यूक्रेनी नेता और 55 अन्य कैदियों को मुक्त कर रूस को सौंपा गया है।

215 यूक्रेनी और विदेशी नागरिकों की रूसी कैद से रिहाई

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बताया है कि 215 यूक्रेनी और विदेशी नागरिकों की रूसी कैद से रिहाई तुर्किये और सऊदी अरब की मदद से संभव हो पाई। जिन लोगों की रिहाई हुई है उनमें से कई रूस में मौत की सजा का खतरा झेल रहे थे। उल्लेखनीय है कि इस प्रक्रिया में सबसे चर्चित रिहाई पुतिन समर्थक यूक्रेन के विपक्षी नेता विक्टर मेदवेदचुक की हुई है।

मेदवेदचुक पर ये आरोप

68 वर्षीय मेदवेदचुक को 24 फरवरी को रूसी हमला होने से पहले ही यूक्रेनी सरकार ने घर में नजरबंद कर दिया था लेकिन वह भाग निकले थे। अप्रैल में उन्हें फिर से पकड़कर कैद में डाल दिया गया। उन पर राष्ट्रद्रोह और आतंकी संगठन की मदद करने के आरोप थे। उन पर रूस समर्थित अलगाववादियों के साथ व्यापार करने का भी आरोप था।

मेदवेदचुक की फार लाइफ पार्टी की गतिविधियां निलंबित

कहा जाता है कि पुतिन मेदवेदचुक की बेटी के गाडफादर हैं, उसे आगे बढ़ाने में पुतिन की बड़ी भूमिका है। मेदवेदचुक यूक्रेनी संसद में विपक्षी सांसदों के सबसे बड़े समूह के नेता भी हैं। रूस से युद्ध शुरू होने के बाद यूक्रेन सरकार ने मेदवेदचुक की फार लाइफ पार्टी की गतिविधियां निलंबित कर दी हैं।

यूक्रेन को पांच कमांडर वापस मिले

इस अदला-बदली में यूक्रेन को अपने वे पांच कमांडर वापस मिल गए हैं जिन्होंने अजोवस्टाल स्टील फैक्ट्री में दो हजार सैनिकों और लड़ाकों का नेतृत्व करते हुए रूसी सैनिकों का कई हफ्ते मुकाबला किया था। ये कमांडर तुर्किये को सौंपे गए हैं और युद्ध चलने तक वे वहीं पर रहेंगे। इसी प्रकार से विदेशी लड़ाकों को सऊदी अरब भेजा गया है। यह सात महीने के युद्ध के दौरान बंदियों की सबसे बड़ी अदला-बदली है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इस अदला-बदली का स्वागत किया है।