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अमेरिका से प्रशिक्षित अफगान कमांडो को अपनी सेना में भर्ती कर रहा रूस, अधिक वेतन के साथ दे रहा सुविधाओं की लालच

पिछले साल अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी और तालिबान के सत्ता में आने के बाद कमांडो ईरान भाग गए थे। अब ये लड़ाके रूसी सेना में शामिल होकर यूक्रेन में लड़ेंगे। इनको प्रतिमाह 1500 अमेरिकी डालर वेतन के साथ अन्य सुविधाओं की पेशकश की गई है।

By Jagran NewsEdited By: Mahen KhannaUpdated: Tue, 01 Nov 2022 06:50 AM (IST)
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अफगनिस्तान के स्पेशल फोर्स के कमांडो रूस के लिए लड़ेंगे।
वाशिंगटन, एपी। रूस अपनी सेना में अफगनिस्तान के स्पेशल फोर्स के उन कमांडो को भर्ती कर रहा है जिन्हें अमेरिका ने प्रशिक्षित किया था। ये कमांडो अमेरिकी सेना के साथ दमखम दिखा चुके हैं। पिछले साल अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी और तालिबान की सत्ता के बाद ये कमांडो ईरान भाग गए। अब ये लड़ाके रूसी सेना में शामिल होकर यूक्रेन में लड़ेंगे।

पूर्व अफगान जनरलों ने खोला राज

अफगानिस्तान के तीन पूर्व अफगान जनरलों ने कहा कि रूस हजारों पूर्व कमांडो को अपनी सेना में भर्ती करना चाहता है। इसके लिए उन्हें प्रतिमाह 1,500 अमेरिकी डालर का वेतन देने के साथ उन्हें अन्य सुविधाओं की पेशकश की जा रही है। इन कमांडो को परिवार के लिए सुरक्षित पनाहगाह का वादा भी किया जा रहा है।

तालिबान का भी डर

जनरल अब्दुल रावफ अरघंडीवाल ने कहा, ''वे लड़ाई नहीं करना चाहते हैं - लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं है,'', ईरान में कमांडो निर्वासन के खौफ में जी रहे हैं। क्या करे? अगर हम अफगानिस्तान वापस चले गए, तो तालिबान हमें मार डालेगा।'

अंतिम अफगान सेना प्रमुख भी कर रहा रूस की मदद

तालिबान के सत्ता संभालने से पहले तक अंतिम अफगान सेना प्रमुख रहे हिबतुल्लाह अलीजई ने कहा कि एक पूर्व अफगान विशेष बल का कमांडर भी कमांडो को भर्ती करने में रूस की मदद कर रहा है जो रूस में ही रहता है। हालांकि रूस के रक्षा मंत्रालय और अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इन मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की।

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