Russia Ukraine War: रूस के खिलाफ पश्चिमी देश लगाएंगे कठोरतम प्रतिबंध, वहां के बैंकों को स्विफ्ट प्रणाली से बाहर करेंगे अमेरिका, ईयू और ब्रिटेन
Russia Ukraine War अमेरिका और यूरोप के देश यूक्रेन के साथ मिलकर रूस से सीधे युद्ध के मैदान में तो मुकाबला नहीं कर रहे हैं लेकिन उसे आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए हर उपाय करने में जुटे हैं।
By Arun Kumar SinghEdited By: Updated: Sun, 27 Feb 2022 10:25 PM (IST)
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका और यूरोप के देश यूक्रेन के साथ मिलकर रूस से सीधे युद्ध के मैदान में तो मुकाबला नहीं कर रहे हैं, लेकिन उसे आर्थिक चोट पहुंचाने के लिए हर उपाय करने में जुटे हैं। पश्चिमी देशों ने रूस के सभी प्रमुख बैंकों को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली यानी स्विफ्ट से बाहर करने और उसके सेंट्रल बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। इससे रूस की उसके विदेशी धन तक पहुंच सीमित हो जाएगी। यूक्रेन पर हमले के बाद रूस के खिलाफ यह अब तक का सबसे कठोर सामूहिक प्रतिबंधात्मक कदम है।
प्रतिबंधित रूसी कंपनियों और लोगों की संपत्तियों का पता लगाने के लिए टास्क फोर्स बनाने का फैसला अमेरिका, यूरोपीय आयोग, फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन और कनाडा के नेताओं ने शनिवार को रूसी बैंकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के साथ ही उसकी प्रतिबंधित कंपनियों और व्यक्तियों से जुड़ी संपत्तियों का पता लगाने के लिए संयुक्त टास्क फोर्स गठित करने का भी फैसला किया। सोसाइटी फार वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) विश्व की मुख्य बैंकिंग संदेश सेवा है जो भारत समेत 200 से अधिक देशों में लगभग 11,000 बैंकों और संस्थानों को जोड़ती है। रूस अपने तेल और गैस निर्यात के लिए बहुत हद तक स्विफ्ट प्रणाली पर निर्भर है।
रूस का हमला गैरकानूनी व्हाइट हाउस की तरफ से जारी संयुक्त बयान में नेताओं ने कहा, 'हम रूस के हमले का साहस के साथ विरोध करने के प्रयास में यूक्रेन की सरकार और वहां के लोगों के साथ खड़े हैं। रूस का हमला मौलिक अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानदंडों पर हमले की तरह है जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से प्रचलित है और जिसकी रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।' संयुक्त बयान में कहा गया है, 'हम रूस को जवाबदेह ठहराएंगे और सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करेंगे कि पुतिन के लिए यह युद्ध रणनीतिक रूप से विफल साबित हो।'
गोल्डन पासपोर्ट को सीमित करने का फैसला पश्चिमी देशों ने रूसी कंपनियों और धनाढ्य वर्ग के लोगों के लिए गोल्डन पासपोर्ट की संख्या भी सीमित करने का फैसला किया है। इसके तहत रूस सरकार की करीबी बड़ी कंपनियां और अमीर लोग इन देशों की नागरिकता हासिल कर लेते हैं और वहां के वित्तीय प्रणाली का लाभ उठाते हैं।रूस के सेंट्रल बैंक ने कहा, कोई फर्क नहीं पड़ेगा
पश्चिमी देशों के इस नवीनतम कदम पर प्रतिक्रिया जताते हुए रूस के सेंट्रल बैंक ने कहा कि बैंक आफ रूस की वित्तीय संदेश प्रणाली किसी भी स्थिति में देश के अंदर वित्तीय संदेशों के हस्तांतरण को सुनिश्चित करती है। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक बैंक आफ रूस की वित्तीय संदेश प्रणाली स्विफ्ट का विकल्प है और देश के अंतर और बाहर दोनों जगह वित्तीय संदेशों का बेरोकटोक हस्तांतरण सुनिश्चित करती है। रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर चीन की व्यवस्था के उपयोग को लेकर भी बातचीत चल रही है।