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विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले, वैश्विक पटल पर भारत की है मजबूत स्थिति; निभा सकता है 'सेतु' की भूमिका

जयशंकर ने भारत और अमेरिका समेत कई मुद्दों पर बातचीत की। वीजा मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि मैंने अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन को सुझाव दिया कि अगर हम भारतीय सरकार की ओर से कुछ कर सकते हैं तो इस मुद्दे से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है।

By AgencyEdited By: Dhyanendra Singh ChauhanUpdated: Thu, 29 Sep 2022 08:10 AM (IST)
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की फाइल फोटो
वाशिंगटन, एएनआइ। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिकी दौरे पर हैं। बुधवार को एस जयशंकर ने वाशिंगटन डीसी स्थित इंडिया हाउस में थिंक-टैंक और रणनीतिक समुदाय के साथ कई मुद्दों पर बातचीत की। इस दौरान एस जयशंकर के साथ अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू भी मौजूद रहे।

बैठक के दौरान जयशंकर ने भारत और अमेरिका समेत कई मुद्दों पर बातचीत की। रूस- यूक्रेन युद्ध को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ऐसे समय में मजबूत और स्थिर स्थिति में है। भारत कई वैश्विक मुद्दों पर सेतु की भूमिका निभा सकता है, जब दुनिया में आशावादी तस्वीर नहीं है। भारत एक चिंतित अंतरराष्ट्रीय समुदाय है।

जयशंकर ने बुधवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में भारतीय पत्रकारों के समूह को बताया कि हमें वास्तव में आर्थिक दृष्टि से देखना होगा कि हम वैश्विक अर्थव्यवस्था के जोखिम को कम करने में कैसे योगदान दे सकते हैं। साथ ही जयशंकर ने सवाल पूछते हुए कहा कि मुझे लगता है कि राजनीतिक दृष्टि से हम किसी तरह से दुनिया को एकजुट करने में कैसे मदद कर सकते हैं। यह सब देखना और समझना होगा।

वीजा मुद्दे पर निपटा जा सकता है

वीजा मुद्दे पर विदेश मंत्री ने कहा कि मैंने अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन को सुझाव दिया कि अगर हम भारतीय सरकार की ओर से कुछ कर सकते हैं, तो इस मुद्दे से बेहतर तरीके से निपटा जा सकता है।

एच-1बी और अन्य वर्किंग वीजा लेने वालों में भारतीयों का बड़ा हिस्सा

जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के समक्ष भारत से अमेरिकी वीजा आवेदनों के काफी संख्या में लंबित होने का मुद्दा भी उठाया। इस पर शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि वह इस मामले के प्रति संवेदनशील हैं और इसे सुलझाने के लिये उनके पास योजना है। ब्लिंकन ने माना कि एच-1बी और अन्य वर्किंग वीजा लेने वालों में भारतीयों का बड़ा हिस्सा है। इनमें से बहुत से आईटी क्षेत्र से संबंधित हैं।

हमारे सामने रक्षा विकल्पों की एक बहुत विस्तृत श्रृंखला

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि एक समय था जब हमारे लिए कम विकल्प खुले थे। आज भारतीय कूटनीति ने कई सालों में इतनी मेहनत की है। हम वास्तव में उन कुछ देशों में से एक हैं, जिनके पास हमारे सामने रक्षा विकल्पों की एक बहुत विस्तृत श्रृंखला है।

विदेश मंत्री ने कहा कि अलग-अलग देशों के साथ हमारे अलग-अलग रिश्ते हैं। हमें लगता है कि उन रिश्तों में से प्रत्येक की अपनी योग्यता, तर्क और मूल्य है। वैश्विक अवसरों को देखने और अपनी सुरक्षा और रक्षा खरीद के लिए हम जो सबसे अच्छा निर्णय ले सकते हैं, उसका हमेशा से हमारा प्रयास रहा है।

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