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एलन मस्क के SpaceX ने रचा इतिहास, पहली बार निजी क्रू को अंतरिक्ष में भेजा; दुनिया के लिए क्यों अहम है ये मिशन?

SpaceX News एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने मंगलवार को इतिहास रच दिया। कंपनी ने पहली बार चार निजी लोगों को अंतरिक्ष में भेजा। यह दुनिया की पहली व्यापारिक अंतरिक्ष उड़ान है। कई अन्य मायनों में भी स्पेसएक्स का यह पोलारिस डॉन मिशन अहम है। यह पूरा मिशन पांच दिन का होगा। सभी यात्री स्पेसएक्स के शक्तिशाली क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार हैं।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 10 Sep 2024 04:23 PM (IST)
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Polaris Dawn Mission: स्पेसएक्स ने चार निजी लोगों को अंतरिक्ष में भेजा। (फोटो-SpaceX )

रॉयटर्स, वाशिंगटन। अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने पोलारिस डॉन मिशन को लॉन्च कर दिया है। हालांकि मौसम की वजह से लॉन्चिंग में लगभग दो घंटे की देरी हुई। यह मिशन पांच दिनों का होगा। एक अरबपति उद्यमी समेत चार अंतरिक्ष यात्रियों ने मंगलवार को उड़ान भरी।

इस मिशन का उद्देश्य नए स्पेससूट डिजाइनों का परीक्षण करना है। बता दें कि यह दुनिया का पहला निजी स्पेसवॉक होगा। सभी यात्रियों ने स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल से उड़ान भरी। यह वही कैप्सूल है जिसके माध्यम से नासा सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष से वापस लाने की योजना पर काम कर रहा है।

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इन चार लोगों ने भरी उड़ान

चालक दल में एक अरबपति उद्यमी, एक सेवानिवृत्त सैन्य लड़ाकू पायलट और दो स्पेसएक्स कर्मचारी शामिल हैं। कैप्सूल में अरबपति जेरेड इसाकमैन, मिशन पायलट स्कॉट पोटेट, स्पेसएक्स कर्मचारी सारा गिलिस और अन्ना मेनन ने उड़ान भरी। स्कॉट पोटेट अमेरिकी वायु सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल हैं।

गिलिस और अन्ना मेनन स्पेसएक्स में वरिष्ठ इंजीनियर हैं। इसाकमैन और गिलिस अंतरिक्ष यान से बाहर निकलेंगे और स्पेसवॉक करेंगे जबकि पोटेट और मेनन केबिन में रहेंगे। चारों अंतरिक्ष यात्री वहां वैज्ञानिक परीक्षण भी करेंगे। यह जानने की कोशिश की जाएगी कि ब्रह्मांडीय विकिरण और अंतरिक्ष का मानव शरीर पर कैसा प्रभाव पड़ता है।

पांचवां जोखिम भरा मिशन

यह क्रू ड्रैगन का अब तक का पांचवां और सबसे जोखिम भरा निजी मिशन है। प्रक्षेपण के कुछ मिनट बाद अंतरिक्ष में पहुचने के बाद यान एक अंडाकार आकार की कक्षा में स्थापित हो जाएगा। अंतरिक्ष यान पृथ्वी के 190 किमी के करीब और 1,400 किमी की दूरी से गुजरेगा।

यह 1972 में अमेरिका के अपोलो मून कार्यक्रम के बाद से इंसान द्वारा तय की गई सबसे अधिक अंतरिक्ष की दूरी होगी। इस मिशन को पिछले महीने लॉन्च करने की योजना थी। मगर हीलियम के रिसाव के कारण प्रक्षेपण को टालना पड़ा था।

पहले सरकार ही भेजती थी यात्री

इस मिशन से पहले केवल उच्च प्रशिक्षित और सरकारी अंतरिक्ष यात्रियों ने ही स्पेसवॉक किया था। साल 2000 में निर्माण के बाद से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर लगभग 270 और बीजिंग के तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन पर चीनी अंतरिक्ष यात्रियों ने 16 स्पेसवॉक किए। पोलारिस डॉन स्पेसवॉक मिशन के तीसरे दिन यान 700 किमी की ऊंचाई पर पहुंचेगा और लगभग 20 मिनट तक चलेगा। बता दें कि पहला अमेरिकी स्पेसवॉक 1965 में जेमिनी कैप्सूल में किया गया था।

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