Move to Jagran APP

बच्चों की परवरिश के समय बढ़ जाता है हमारी याददाश्त का स्तर

अध्ययन के मुताबिक, बच्चों को बढ़ा करते समय अभिभावक बहुत से क्षणों को करते हैं याद, तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है असर

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 19 Dec 2017 10:28 AM (IST)
Hero Image
बच्चों की परवरिश के समय बढ़ जाता है हमारी याददाश्त का स्तर

न्यूयॉर्क (प्रेट्र)। बच्चों की परवरिश के दौरान हमारी सोचने की क्षमता और याददाश्त का स्तर बढ़ जाता है। यह बात एक अध्ययन में सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि बच्चों को बढ़ा करते समय अभिभावक अपने जीवन के बहुत से क्षणों को याद करते हैं।

हमारे अनुभवों से बनता है तंत्रिका तंत्र 

अमेरिका की बिंगहैटन यूनिवर्सिटी के राफेल मिलर के मुताबिक, हमारी सोचने की क्षमता और याददाश्त हमारे तंत्रिका तंत्र से बढ़ जाती है। दरअसल, हमारा तंत्रिका तंत्र हमारे अनुभवों से बनता है। इसमें रोजाना बहुत सी यादें और सूचनाएं एकत्र होती रहती हैं। जब हम इन्हें किसी चीज के साथ जोड़ते हैं तो यादें ताजा हो जाती हैं। इसके कारण हमारा तंत्रिका तंत्र अधिक सक्रिय हो जाता है।

शब्द याद करने की क्षमता बढ़ी, एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी 

लर्निंग, मेमोरी एंड काग्निशन नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने अध्ययन कर पता लगाया कि इस स्थिति में अभिभावकों के शब्द याद करने की क्षमता बढ़ जाती है। इसमें यह भी सामने आया कि जीन न केवल हमारी शारीरिक रचना और शरीर विज्ञान को प्रभावित करते हैं, बल्कि हम किस तरह सोचते हैं इस पर भी उनका असर रहता है। 

यह भी पढ़ें: अगर क्लिक करते हैं जरूरत से ज्यादा सेल्फी तो कराना पड़ सकता है इलाज