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इतनी आसान नहीं है ट्रंप के खिलाफ महाभियोग के पारित होने की राह, सीनेट में कामयाबी मिलना मुश्किल

भले ही डेमोक्रेट्स के नियंत्रण वाली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया है लेकिन इसका मुकम्‍मल तौर पर संसद से पारित हो जाना बिल्कुल भी आसान नहीं है। आइए जानते हैं महाभियोग के रास्‍ते में क्‍या हैं चुनौतियां...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:37 PM (IST)
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अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया है
वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका के इतिहास में साल 2021 ने शुरुआत में ही महज हफ्ते भर के अंतर से दो महत्‍वपूर्ण घटनाएं दर्ज करा दी हैं। पहली घटना अमेरिकी कैपिटल हिल पर ट्रंप के समर्थकों के हमले की थी... दूसरी घटना राष्ट्रपति पर अमेरिका की हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स की ओर से दूसरी बार महाभियोग का लाया जाना है। भले ही डेमोक्रेटिक नेताओं के नियंत्रण वाली अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पारित कर दिया गया है, लेकिन इसका मुकम्‍मल तौर पर संसद से पारित हो जाना बिल्कुल भी आसान नहीं है। आइए जानते हैं महाभियोग के रास्‍ते में क्‍या हैं चुनौतियां...

हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रिपब्लिकन ने भी दिया साथ

हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (HOR) में महाभियोग प्रस्ताव के समर्थन में रिपब्लिकन पार्टी के भी 10 सांसद भी शामिल थे। इनमें जॉन काटको, लिज चेनी, एडम किंजिंगर, फ्रेड अप्टॉन और जेमी ब्यूटलर शामिल हैं। इस तरह से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (HOR) में महाभियोग को 197 के मुकाबले 232 मतों से पारित कर दिया गया, लेकिन असल पेंच सीनेट से पारित होने को लेकर है, जहां रिपब्लिकन मजबूत स्थिति में हैं।

सीनेट में दो-तिहाई बहुमत की दरकार

सीनेट से महाभियोग प्रस्ताव को पास कराने के लिए दो-तिहाई बहुमत की दरकार होगी। इसके लिए सीनेट के 100 में से 67 सांसदों को महाभियोग के पक्ष में मतदान करना होगा। मौजूदा वक्‍त में सीनेट की संख्या 98 है। इस हिसाब से देखें तो महाभियोग की मंजूरी के लिए 65 मत जरूरी होंगे। चूंकि सीनेट में रिपब्लिकन मजबूत स्थिति में हैं। ऐसे में सीनेट से महाभियोग का पारित होना एक बड़ी चुनौती है।

19 जनवरी तक के लिए स्थगित है सीनेट

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (HOR) से पारित प्रस्‍ताव को अब सीनेट में भेजा जाएगा। सीनेट ट्रंप को कार्यालय से हटाने के लिए सुनवाई करेगी जिस पर मतदान होगा। मौजूदा वक्‍त में सीनेट 19 जनवरी तक के लिए स्थगित है। यही नहीं इसके ठीक एक दिन बाद 20 जनवरी को जो बाइडन को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेना है। ऐसे में डेमोक्रेट्स के पास वक्‍त की बेहद कमी है।

सीनेट में रिपब्लिकन हैं मजबूत

मुश्किलें इतनी भर नहीं और भी हैं... मौजूदा वक्‍त में सीनेट में रिपब्लिकन नेताओं के पास 50 के मुकाबले 51 का मामूली अंतर से बहुमत है। सीनेट में 50 सीटें रिपब्लिकन के पास, जबकि डेमोक्रेट्स के पास केवल 48 सीटें हैं। यानी डेमोक्रेट्स के पास बहुमत के आंकड़े 65 सीटों (दो तिहाई) से काफी कम सीटें हैं। ऐसे में इनको हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (HOR) की तरह कुछ रिपब्‍ल‍िकन को साथ लेना होगा।

रिपब्लिकंस को भी लेना होगा साथ

आंकड़ों के लिहाज से कहें तो यदि 15 रिपब्लिकंस पाला बदलते हैं तो महाभियोग के पक्ष में 65 वोट हो जाएंगे और यह पारित हो जाएगा... हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (HOR) की तरह सीनेट में ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है।डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसदों ने उप राष्ट्रपति माइक पेंस से 20 जनवरी से पहले ट्रंप को पद से हटाने का आग्रह किया। वहीं, पेंस ने 25वें संविधान संशोधन के इस्तेमाल से इनकार कर दिया है।

सीनेट से अप्रत्‍याशित कदम की उम्‍मीद मामूली

जाहिर है महाभियोग की राह आगे बेहद मुश्किल होगी। दरअसल 25वें संविधान संशोधन के तहत उप राष्ट्रपति और कैबिनेट को यह अधिकार मिल जाता है कि वे राष्ट्रपति को पद से हटा दें। अमेरिकी संविधान में यह कदम उस स्थिति में उठाने का प्रावधान है, जिसमें राष्ट्रपति अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन न कर रहे हों या अक्षम हो गए हों। वैसे भी ट्रंप का कार्यकाल बस 20 जनवरी को सुबह 11 बजे तक का ही है। ऐसे में ट्रंप के‍ खिलाफ सीनेट या उप राष्ट्रपति की ओर से किसी अप्रत्‍याशित कदम की उम्‍मीद कम ही नजर आ रही है।