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Mexico Refugee Crisis: बेहतर जिंदगी की तलाश में करते हैं पलायन, बदले में मिलती है मौत, जानें- क्‍या है पूरा मामला

इस साल 27 जून तक 1224 माइग्रेंट्स की मौत हो चुकी है इनमें से 14 फीसद यानी 170 लोग अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर मारे गए। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ माइग्रेशन के मुताबिक जनवरी 2014 से लेकर 27 जून 2019 तक 32182 माइग्रेंट्स की मौत हुई।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Wed, 01 Sep 2021 06:23 PM (IST)
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बेहतर जिंदगी तलाश में करते हैं पलायन, बदले में मिलती है मौत।
वाशिंगटन, एजेंसी। Mexico Refugee Crisis: अमेरिका जाने के इच्‍छुक सैकड़ों शरणार्थी इस समय मेक्सिको प्रशासन के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। यहां के सैनिकों ने बड़ी संख्‍या में बड़ी संख्‍या में लोगों को सीमा से वापस कर दिया है। इन शरणार्थी में बच्‍चों की बड़ी तादाद है। नेशनल गार्ड के सैनिकों ने भारी बारिश के कारण उनका रास्ता रोक दिया। कुछ शरणार्थियों को नेशनल गार्ड ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य कैद से बच निकले। उत्तर की ओर बढ़ते रहे शरणार्थियों के साथ काम करने वाले एक पुजारी हेयमेन वरक्वेज ने बताया कि गत शनिवार को वे ह्यूक्सटला पहुंचना शुरू हो गए थे। यहां आने वाले अधिकतर शरणार्थी अफ्रीकी देशों के होते हैं। बेहतर जिंदगी तलाश में इनको सौगात में मौत ही मिलती है।

तापचुला में फंसे हैती समुदाय के बीच निराशा बढ़ी

मध्य अमेरिका से प्रवासियों का प्रवाह वर्ष की शुरुआत से बढ़ा है। हाल के दिनों में विशेष रूप से तापचुला में फंसे हैती समुदाय के बीच निराशा बढ़ी है। इस हफ्ते शरणार्थियों ने अपनी आव्रजन प्रक्रियाओं को तेज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था। उन्‍होंने मेक्सिको के अधिकारियों द्वारा उन पर ध्यान नहीं देने पर एक काफिला निकाले जाने की धमकी भी दी थी। शनिवार को निकला समूह इस साल का सबसे बड़ा समूह था और उसने महामारी से पहले मेक्सिको में निकलने वाले काफिलों की याद दिलाई। शरणार्थियों से जुड़ी ये समस्या यूरोपीय देशों में भी देखने को मिलती है।

अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर हजारों की मौत

यहां आने वाले अधिकतर शरणार्थी अफ्रीकी देशों के होते हैं, जो अपनी जान की बाजी लगाकर गैर कानूनी तरीके से पानी के रास्ते से देश में दाखिल होते हैं। इस दौरान बहुत से लोग नाव पलटने के कारण दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। दो वर्ष पूर्व 1,224 माइग्रेंट्स की मौत हो चुकी है, इनमें से 14 फीसद यानी 170 लोग अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर मारे गए। इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ माइग्रेशन के मुताबिक, जनवरी 2014 से लेकर 27 जून 2019 तक 32,182 माइग्रेंट्स की मौत हुई, जबकि इसी दौरान अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर 2,075 लोग मरे।

मध्य अमेरिकी देशों में बेरोजगारी और गरीबी की समस्‍याएं बढ़ी

दरअसल, मध्य अमेरिकी देशों में रहने वाले लोग अमेरिका में शरण मांगते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन देशों में बेरोजगारी और गरीबी जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शुरू से ही शरणार्थियों के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार के दौरान भी शरणार्थियों को इसे मुद्दा बनाया था। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका का शरणार्थी कानून (असाइलम सिस्टम) बेहद सख्त हो गया था। असाइलम सिस्टम के मुताबिक- कोई व्यक्ति शरणार्थी के तौर पर दूसरे देश में शरण लेने के लिए आवेदन करता है। इसके लिए उसे बताना जरूरी होता है कि वह जिस देश का रहने वाला है, वहां उसकी जान को खतरा है।

हर साल करीब पांच लाख लोग मैक्सिको के जरिए अमेरिका जाने की कोशिश

इन देशों में गरीबी, हिंसा और बेरोजगारी चरम पर है। होंडुरास, ग्वाटेमाला और अल-सल्वाडोर में गरीबी, हिंसा और बेरोजगारी अपने चरम पर है। कमोबेश यही हालात मैक्सिको में भी हैं। इस कारण बेहतर जिंदगी की तलाश में मैक्सिको और मध्य अमेरिकी देशों के लोग रोजाना अमेरिका-मैक्सिको सीमा पार करने की कोशिश करते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, हर साल करीब पांच लाख लोग मैक्सिको के जरिए अमेरिका जाने की कोशिश करते हैं। उधर, अमेरिका में शरणार्थियों को असाइलम की प्रक्रिया काफी जटिल और लंबी है। इसके चलते यहां लोगों को महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। इस वजह से शरणार्थी दूसरों तरीके से अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हैं और मारे जाते हैं। अमेरिका में वर्ष 2018 में 92,959 लोगों ने असाइलम के लिए आवेदन किया था, जबकि 2017 में 55,584 लोगों ने आवेदन किया था।