Move to Jagran APP

अमेरिका में नए रोजगार को तरस रहे हजारों भारतीय IT Professional, नवंबर से अब तक दो लाख से ज्यादा की गई नौकरी

सौम्या सिर्फ तीन माह पहले ही नौकरी करने के लिए अमेरिका आई थीं। इस सप्ताह उन्हें आफिस में नोटिस थमा दिया गया कि 20 मार्च उनकी नौकरी का आखिरी दिन होगा। अन्य आइटी पेशेवर गीतिका को माइक्रोसाफ्ट ने 18 जनवरी को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 24 Jan 2023 07:45 PM (IST)
Hero Image
अमेरिका में नए रोजगार को तरस रहे हजारों भारतीय आईटी पेशेवर
वाशिंगटन, प्रेट्र: अमेरिका में गूगल, माइक्रोसाफ्ट और अमेजन जैसी कंपनियों में हाल में बड़े पैमाने पर हुई छंटनियों के बाद लाखों भारतीय पेशेवर बेरोजगार हो गए हैं। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के पेशेवर पर इस बेरोजगारी की सबसे ज्यादा मार पड़ी है। भारतीय पेशेवर अमेरिका में रहने के लिए अपने कामकाजी वीजा के तयशुदा अवधि के अंदर नया रोजगार पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

'द वाशिंगटन पोस्ट' के मुताबिक पिछले साल नवंबर से आइटी क्षेत्र के करीब दो लाख कर्मचारियों को नौकरी से निकाला दिया गया है। इनमें रिकार्ड संख्या में कटौती करने वाली कंपनियों में गूगल, माइक्रोसाफ्ट, फेसबुक और अमेजन जैसी बड़ी आइटी कंपनियां शामिल हैं। उद्योग सूत्रों की मानें तो नौकरियों से निकाले गए लोगों में से 30 से 40 प्रतिशत भारतीय आइटी पेशेवर हैं, जिनमें से बड़ी संख्या एच-1बी या एल1 वीजा पर यहां नौकरी करने आए लोगों की है। अब ये लोग अमेरिका में बने रहने के लिए रोजगार का दूसरा विकल्प तलाश कर रहे हैं।

यह भी पढ़े: Budget 2023-24: सस्ता बीमा और आयुष्मान भारत की कवरेज बढ़ाने से सबको मिलेगी स्वास्थ्य सुरक्षा

एच1बी वीजा गैरआव्रजकों के लिए है जिससे अमेरिकी कंपनियों को तकनीकी विशेषज्ञता वाले विदेशी कर्मचारियों को रोजगार देने की सुविधा मिलती है। अमेरिकी तकनीकी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हर साल लाखों लोगों को रोजगार देती हैं। एल-1ए और एल1बी वीजा के जरिये विशेषज्ञता वाले क्षेत्र में अस्थाई मैनेजेरियल जाब उन विदेशी नागरिकों को दी जाती है जो किसी कारण से एक कंपनी से अलग होने पर दूसरी कंपनी में अस्थाई नौकरी चाहते हैं।

60 दिनों में नहीं मिली नौकरी तो वापस जाना होगा घर

नौकरी जाने के बाद विदेशी कामकाजी वीजा के तहत मिलने वाले कुछ महीनों की अवधि में नया रोजगार तलाशने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है, ताकि वह अपनी वीजा अवधि को आगे बढ़ा सकें। जो लोग एच-1बी वीजा पर यहां आए हैं उनके लिए तो स्थिति और भी संकटपूर्ण हैं, क्योंकि उन्हें 60 दिन के अंदर नई नौकरी तलाशनी होगी या फिर मजबूरन भारत लौटना होगा।

भारत की रहने वाली सौम्या सिर्फ तीन माह पहले ही नौकरी करने के लिए अमेरिका आई थीं। इस सप्ताह उन्हें आफिस में नोटिस थमा दिया गया कि 20 मार्च उनकी नौकरी का आखिरी दिन होगा। एच-1बी वीजा पर अमेरिका आई एक अन्य आइटी पेशेवर गीतिका को माइक्रोसाफ्ट ने 18 जनवरी को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।

नौकरी जाने से सबसे ज्यादा भारतीय हुए हैं प्रभावित ग्लोबल इंडियन टेक्नोलाजी प्रोफेशनल्स एसोसिएशन व फाउंडेशन फार इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज ने इन आइटी पेशेवरों की मदद करने के लिए एक सामुदायिक पहल शुरू की है। एफआइआइडीएस के खांडेराव कंद ने कहा, 'आइटी प्रौद्योगिकी में बड़े पैमाने पर नौकरियों में कटौती की वजह से जनवरी 2023 इस क्षेत्र के पेशेवरों के लिए बहुत मुश्किल वक्त रहा है। इस पेशे में भारतीय प्रवासियों की तादाद अच्छी खासी होने से सबसे ज्यादा प्रभावित भी वही हुए हैं।'

सिलिकान वैली में भारतीय मूल के कारोबारी अजय जैन भूतोड़िया ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र के हजारों पेशेवरों को नौकरी से निकाला जा रहा है। एच-1बी वीजा पर आए लोगों के लिए तो चुनौतियां और बड़ी हैं, क्योंकि उन्हें नई नौकरी के साथ अपना वीजा स्थानांतरित कराना होता है या फिर देश से जाने के लिए मजबूर होना होगा।'

यह भी पढ़े: Fact Check: राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को ‘काला कानून’ बताते हुए केंद्र पर साधा था निशाना, भ्रामक दावे से वायरल वीडियो क्लिप