अमेरिका में 'RESTRICT ACT' के जरिए TikTok पर लग सकता है बैन, एक्सपर्ट्स ने कानून को बताया मददगार
टिकटॅाक एप को बैन करने के लिए द्विदलीय व्यापक विधेयक जैसे रेस्ट्रिक्ट एक्ट (RESTRICT ACT) को लागू करना होगा। बता दें कि इस महीने अमेरिका के दो प्रभावशाली सीनेटरों ने एक प्रमुख द्विदलीय व्यापक विधेयक संसद में पेश किया है।
वाशिंगटन, रायटर। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक को अमेरिका बैन करने की तैयारी में जुट चुका है। इस एप की वजह से बढ़ती अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा से अमेरिका काफी चिंतित है। हालांकि, एक्सपर्टस का मानना है कि अमेरिका को इस एप को बैन करने के लिए नए कानून बनाने होंगे।
इस एप को बैन करने के लिए द्विदलीय व्यापक विधेयक जैसे रेस्ट्रिक्ट एक्ट (RESTRICT ACT) को लागू करना होगा। बता दें कि इस महीने अमेरिका के दो प्रभावशाली सीनेटरों ने एक प्रमुख द्विदलीय व्यापक विधेयक संसद में पेश किया है।
इसमें चीन से प्रतिस्पर्धा के लिए देश की क्षमता को बढ़ाने, क्वाड पहल को प्रोत्साहन देने और भारत-अमेरिका की द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय भागीदारी को प्रगाढ़ करने की बात कही गई है।
रिस्ट्रिक्ट एक्ट वास्तव में मददगार: मिली किलक्रीज
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि मिली किलक्रीज ने कहा कि रिस्ट्रिक्ट एक्ट वास्तव में मददगार है, क्योंकि इस कानून की वजह से बाइडन सरकार को टिकटॅाक जैसे एप पर लगाम लगाने में काफी मदद मिलेगी।
बता दें कि टिकटॅाक ने कुछ दिनों पहले रेस्ट्रिक्ट एक्ट की आलोचना की थी।
टिकटॅाक से जुड़े सवालों का जवाब देंगे शौ जी च्यू
गुरुवार को हाउस एनर्जी एंड कॉमर्स कमेटी के सामने टिकटॉक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शौ जी च्यू (Shou Zi Chew), इस एप से जुड़े सवालों का सांसदों के आगे जवाब देंगे। वे अमेरिकी सांसदों के आगे एप के बचाव में यह बात कह सकते हैं कि कंपनी ने 150 मिलियन से ज्यादा अमेरिकी यूजर्स के डाटा को चीनी सरकार के साथ साझा नहीं किया है।
ना ही ऐप द्वारा ऐसा पहले किया गया है ना ही ऐसा कभी भविष्य में किया जाएगा। वे बताएंगे कि टिकटॉक ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा का ध्यान रखते हुए कामों को किया है।
यह कानून देश के प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बनाएगा मजबूत: क्रिस्टोफर रे
एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने नवंबर में कहा था यह एप लाखों लाखों उपकरणों के सॉफ्टवेयर को नियंत्रित कर सकता है। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने रेस्ट्रिक्ट एक्ट का समर्थन करते हुए 7 मार्च को कहा कि यह कानून हमारे देश के प्रौद्योगिकी क्षेत्र को शक्ति प्रदान करेगा।