म्यांमार, वैक्सीन और कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार मुक्त बनाने पर साथ आए अमेरिका और दक्षिण कोरिया
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रियों ने म्यांमार समेत कई मुद्दों पर एक साथ आगे बढ़ने पर सहमति जताई है। दोनों देशों का कहना है कि वो कोरियाई प्रायद्वीप को पूरी तरह से परमाणु हथियारों से मुक्त बनाना चाहते हैं।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Sun, 13 Jun 2021 04:24 PM (IST)
सिओल (रॉयटर्स)। ब्रिटेन में हुए जी-7 देशों के सम्मेलन में अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच पूरे कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियार मुक्त बनाने पर एकराय कायम हुई है। दोनों का कहना है कि वो म्यांमार और पूरी दुनिया में वैक्सीनेशन और वैक्सीन वितरण को लकर भी एक साथ आए हैं। आपको बता दें कि इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे इन दिनों ब्रिटेन में हैं।
दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी यॉनहॉप के मुताबिक दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री चुंग यूई यॉन्ग और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच हुई बैठक में ये सहमति बनी है। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों को लेकर बातचीत हुई है। आपको बता दें कि पिछले माह मून जे अमेरिका की यात्रा पर भी गए थे। वहां पर उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन से कई मुद्दों पर बातचीत की थी। विदेश मंत्रियों की बैठक में ये भी सामने आया है कि दोनों देश साझा हितों के मुद्दों पर भी आगे बढ़ने को तैयार तैयार हैं। इसमें वैक्सीन का उत्पादन और इसका वितरण, तकनीकी विकास, परमाणु ऊर्जा जैसे मुद्दे भी शामिल है। इस संबंध में एक प्रेस रिलीज भी जारी की गई है।
ब्लिंकन और चुंग के बीच हुई बैठक में उत्तर कोरिया का भी मुद्दा उठा। दोनों नेताओं ने इस बात पर जो दिया कि उत्तर कोरिया को बातचीत की मेज पर वापस आना चाहिए और शांति और स्थिरता के लिए प्रयास करने चाहिए। दोनों का ही कहना था कि वो प्रायद्वीप में शांति चाहते हैं। दोनों ही देशों ने इस दिशा में जापान के सहयोग की भी बात की है। विदेश मंत्रालय से जारी एक रिलीज में कहा गया है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया उत्तर पूर्वी एशिया समेत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, सुरक्षा और शांति की अपेक्षा रखते हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देश इस बात पर भी राजी हुए हैं कि म्यांमार में हालातों को सुधारने के लिए काम करने की जरूरत है। दोनों ने ही अपील की है कि म्यांमार में जल्द से जल्द लोकतांत्रिक व्यवस्था बहाल की जानी चाहिए। आपको बता दें कि दक्षिण कोरिया जी-7 का सदस्य देश नहीं है लेकिन भारत और दक्षिण कोरिया के साथ उसको भी एक गेस्ट के तौर पर इसमें बुलाया गया था।