F-16 Deal: तुर्की को F-16 लड़ाकू विमान बेचने की बाइडेन सरकार कर रही तैयारी, सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने जताया विरोध
अमेरिका और तुर्की के बीच में लगातार F-16 लड़ाकू विमानों की डील को लेकर संशय बना हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने संसद में बताया कि सरकार तुर्की के साथ ये डील करना चाहती है लेकिन इसका विरोध भी लगातार हो रहा है
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Sat, 14 Jan 2023 09:58 AM (IST)
वाशिंगटन (पीटीआई)। अमेरिकी सरकार तुर्की को F-16 लड़ाकू विमान बेचने की तैयारी कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की सरकार ने संसद को बताया है कि वह तुर्की को 20 बिलियन डॉलर में अपने F-16 लड़ाकू विमानों को बेचने की तैयारी कर रही है। वहीं, लंबे समय से इस सौदे का विरोध करने वाले एक वरिष्ठ अमेरिकी सांसद ने फिर इस सौदे पर आपत्ति जताई है।
इस मामले से जुड़े तीन सूत्रों ने बताया कि विदेश विभाग ने सीनेट व प्रतिनिधि सभा में हथियारों की बिक्री की देखरेख करने वाली समितियों को प्रस्तावित सौदे के साथ आगे बढ़ने के अपने इरादे की जानकारी देते हुए गुरुवार को संसद को अनौपचारिक नोटिस भेजा।
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बाइडेन ने बिक्री का किया है समर्थन
नाटो सदस्य तुर्की ने अक्टूबर 2021 में 40 लॉकहीड मार्टिन कॉर्प F-16 लड़ाकू विमान और लगभग 80 आधुनिक किट खरीदने का अनुरोध किया था। हाल ही में दोनों पक्षों के बीच इसको लेकर वार्ता हुई थी। बाइडेन प्रशासन ने बिक्री का समर्थन किया और कहा कि वह महीनों से अनौपचारिक आधार पर संसद के संपर्क में है ताकि इसकी स्वीकृति हासिल की जा सके। हालांकि, अभी तक इस पर सहमति नहीं बन पाई है।
सीनेट विदेश संबंध समिति के डेमोक्रेटिक अध्यक्ष सीनेटर बॉब मेनेंडेज ने एक बयान में कहा कि उन्होंने बार-बार स्पष्ट किया है कि वह तुर्की को नए F-16 विमानों की प्रस्तावित बिक्री पर बाइडेन प्रशासन का कड़ा विरोध करते हैं।
समीक्षा प्रक्रिया में है बिक्री का फैसला
यह बिक्री अभी भी अनौपचारिक समीक्षा प्रक्रिया में है। अमेरिकी संसद में फिलहाल इसकी मंजूरी मिलने की संभावना नहीं हैक्योंकि तुर्की ने स्वीडन और फिनलैंड की नाटो सदस्यता के समर्थन के साथ आगे बढ़ने से इंकार कर दिया है।दोनों देशों ने पिछले मई में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के जवाब में नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया, लेकिन तुर्की ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) सहित उग्रवादियों को शरण देने का आरोप लगाया और इस पर कदम उठाए जाने की मांग की।
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