'ध्वनि की गति' से उड़ रहे Transatlantic विमान, समझें इस कारनामे के पीछे की पूरी कहानी
अटलांटिक महासागर के ऊपर ट्रांस-अटलांटिक फ्लाइट्स वर्तमान में ध्वनि की गति से उड़ान भर रही हैं। दरअसल जेट स्ट्रीम एक तेज हवा के बैंड हैं जो आम तौर पर दुनिया भर में पश्चिम से पूर्व की ओर चलती है। जेट स्ट्रीम की वजह से फ्लाइट्स अपने गंतव्य स्थान पर समय से एक घंटा पहले ही पहुंच रही है।
By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Thu, 02 Nov 2023 06:57 AM (IST)
जागरण न्यूज नेटवर्क, वॉशिंगटन। अटलांटिक महासागर के ऊपर मजबूत जेट स्ट्रीम की वजह से ट्रांस अटलांटिक फ्लाइट्स वर्तमान में ध्वनि की गति से उड़ान भर रही हैं। जेट स्ट्रीम की वजह से कुछ फ्लाइट्स 1,231 किमी/घंटा (765 मील प्रति घंटे) की गति से उड़ान भर रही हैं। यह लगभग ध्वनि की गति के बराबर है।
दरअसल, जेट स्ट्रीम एक तेज हवा के बैंड हैं जो आम तौर पर दुनिया भर में पश्चिम से पूर्व की ओर चलती है। जेट स्ट्रीम की वजह से फ्लाइट्स अपने गंतव्य स्थान पर समय से एक घंटा पहले ही पहुंच रही है। हालांकि, इस गति को वास्तविक ध्वनि गति से नहीं जोड़ा जा सकता है। नासा के अनुसार, "समुद्र स्तर की मानक स्थितियों" में ध्वनि लगभग 761 मील प्रति घंटे या 1,100 फीट प्रति सेकंड की गति से यात्रा करती है।
गंतव्य स्थान पर समय से पहुंच रही फ्लाइट्स
फ्लाइट ट्रैकिंग साइट फ्लाइटवेयर के अनुसार, डलास से दुबई तक अमीरात की उड़ान 222 1 नवंबर को 57 मिनट पहले पहुंच गई। जेएफके से हीथ्रो के लिए अमेरिकी एयरलाइंस की उड़ान 106 बुधवार सुबह 54 मिनट पहले पहुंच गई।समझें आखिर क्या है जेट स्ट्रीम
जेट स्ट्रीम जमीन से ऊपर यानी 6 से 14 km की ऊंचाई पर चलने वाली एक वायुधारा है। इस वायुधारा का सम्बन्ध धरातल में चलने वाली पवनों के साथ भी जोड़ा गया है। यह पश्चिम से पूर्व की ओर बहने वाली तेज हवाओं का केंद्र है। यही वजह है कि पूर्व दिशा में जाने वाली फ्लाइट्स पश्चिम की ओर जाने वाली उड़ानों की तुलना में कम समय में अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच जाती है।
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