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रूस-यूक्रेन में अब खत्म होगा युद्ध! चुनाव जीतने के बाद क्या है ट्रंप का प्लान? भारतवंशी काश पटेल ने बताया पूरा एजेंडा

भारतीय-अमेरिकी वकील काश पटेल ने एक इंटरव्यू में ट्रंप के आगामी काम को लेकर कई खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकताएं सीमा आतंकवादी बंधकों को घर लाना और हमेशा के लिए चले आ रहे युद्धों को समाप्त करना हैं। काश पटेल ने आगे ये भी बताया उन्होंने व्लादिमीर जेलेंस्की के साथ फोन पर बात की थी

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sat, 09 Nov 2024 09:05 AM (IST)
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भारतवंशी काश पटेल ने बताया ट्रंप का एजेंडा (फाइल फोटो)
पीटीआई, वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल कर ली है। इस बीच कहा जा रहा है ट्रंप की टीम में गुजराती मूल के काश पटेल को अमेरिका की जासूसी एजेंसी CIA के प्रमुख की अहम जिम्मेदारी मिल सकती है।

भारतीय-अमेरिकी वकील काश पटेल ने एक इंटरव्यू में ट्रंप के आगामी काम को लेकर कई खुलासे किए हैं। उन्होंने कहा, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकताएं सीमा, आतंकवादी, बंधकों को घर लाना और हमेशा के लिए चले आ रहे युद्धों को समाप्त करना हैं।

'व्लादिमीर जेलेंस्की से फोन पर की बात'

काश पटेल ने आगे कहा, आधुनिक इतिहास में वह एकमात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने कोई नई शुरुआत नहीं की है। चुनाव के बाद शुरुआती संकेत इस बात का संकेत हैं कि आगे का काम कैसे होने वाला है, तो यह एक बहुत ही शांतिपूर्ण प्रक्रिया होने जा रही है। उन्होंने व्लादिमीर जेलेंस्की के साथ फोन पर बात की थी और पहले ही यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के बारे में बात कर चुके हैं उन्होंने पहले ही कई विश्व नेताओं के साथ फोन पर चर्चा भी की है।

कौन है काश पटेल?

एक अमेरिकी वकील और पूर्व सरकारी अधिकारी, पटेल ने ट्रम्प के पहले राष्ट्रपति पद के दौरान अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के अधिकारी,राष्ट्रीय खुफिया के कार्यवाहक निदेशक के वरिष्ठ सलाहकार और संयुक्त राज्य अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा सचिव के स्टाफ प्रमुख के रूप में कार्य किया। वह राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर ट्रम्प के करीबी विश्वासपात्रों में से एक हैं। 

वह अगले ट्रंप प्रशासन पर कई सवालों का जवाब दे रहे थे। पटेल ने आगे कहा, यह सुनिश्चित करने के लिए अपने विरोधियों के खिलाफ खुफिया जानकारी एकत्र करने को प्राथमिकता दें कि हम उन खतरों को हरा दें, जो ईरानी मुल्ला और आतंक के नंबर एक राज्य प्रायोजक हैं, और यह भी सुनिश्चित करें कि हम सीसीपी (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी) और हमारे रूसी पर नियंत्रण रखें।

'ईरान पर बनेगा दबाव'

साथ ही विरोधियों को हमारे साइबर बुनियादी ढांचे पर हमला करने से रोकें। पटेल ने आगे ये भी संकेत दिया कि 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ट्रंप ईरान पर अधिकतम दबाव की नीति अपनाएंगे।

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