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UNSC में माली के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर रूस ने किया वीटो, तिलमिलाया ब्रिटेन; लगाया यह बड़ा आरोप

ब्रिटेन ने माली पर प्रतिबंधों को लेकर यूएनएससी में लाए गए प्रस्ताव पर रूस द्वारा वीटो करने पर गहरा खेद व्यक्त किया है। बुधवार को UNSC में 13 सदस्यों ने माली पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों और स्वतंत्र निगरानी को एक और वर्ष के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया जबकि चीन मतदान में शामिल नहीं हुआ। यह प्रस्ताव फ्रांस और यूएई द्वारा तैयार किया गया था।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Thu, 31 Aug 2023 09:00 AM (IST)
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UNSC में माली के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर रूस ने किया वीटो
न्यूयार्क, एएनआई। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में माली (Mali) के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर रूस (Russia) ने वीटो कर दिया। इस प्रस्ताव को ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात ने लाया था। ब्रिटेन ने रूस पर वीटो का लापरवाही तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

रूस के प्रस्ताव का नहीं कर सकते समर्थन: ब्रिटेन

बुधवार को माली पर यूएनएससी की बैठक आयोजित की गई। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के उप स्थायी प्रतिनिधि, जेम्स करियुकी ने कहा कि हम माली पर विशेषज्ञों के पैनल को भंग करने और प्रतिबंधित उपायों की समाप्ति को पूर्व निर्धारित करने के रूस के प्रस्ताव का समर्थन नहीं कर सकते हैं।

13 सदस्यों ने पक्ष में किया मतदान 

गौरतलब है कि बुधवार को सुरक्षा परिषद के 13 सदस्यों ने माली पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों और स्वतंत्र निगरानी को एक और वर्ष के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। इस पर रूस ने वीटो कर दिया, जबकि चीन मतदान में शामिल नहीं हुआ। 

फ्रांस और यूएई का किया धन्यवाद

करियुकी ने फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि हम माली में बिगड़ती राजनीतिक, मानवीय और सुरक्षा स्थिति को लेकर काफी चिंतित हैं। रूस द्वारा वीटो का इस्तेमाल करने से अब माली की शांति प्रक्रिया पर परिषद की निगरानी और भागीदारी कम हो जाएगी। 

करियुकी ने परिषद में कहा कि आज के मतदान के नतीजे के बावजूद, ब्रिटेन माली के शांति समझौते का समर्थन करने और मानवाधिकारों के उल्लंघन और दुर्व्यवहार के लिए जवाबदेही तय करने के लिए प्रतिबद्ध है।

2017 में माली पर लगाया गया प्रतिबंध

बता दें, माली पर 2017 में प्रतिबंध लगाया गया था। इसे अब 31 अगस्त, 2024 तक बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया था, लेकिन रूस इस बात पर अड़ा है कि यह विस्तार अंतिम होना चाहिए।