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Russian Gas: रूस ने यूरोप को गैस की आपूर्ति रोकी; ईयू ने कहा- हथियार की तरह गैस का इस्तेमाल कर रहे पुतिन

रूस ने यूरोप को गैस आपूर्ति अनिश्चितकाल के लिए रोक दी है। गैस की आपूर्ति करने वाली रूसी सरकारी कंपनी गैजप्रोम ने कहा है कि नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन में मरम्मत का आवश्यक कार्य करने के लिए गैस आपूर्ति आगे भी रुकी रहेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 03:19 AM (IST)
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रूस से यूरोप को हो रही गैस आपूर्ति पर फिर से गंभीर संकट के बादल छा गए हैं।
मास्को, एजेंसियां: रूस ने यूरोप को गैस आपूर्ति अनिश्चितकाल के लिए रोक दी है। गैस की आपूर्ति करने वाली रूसी सरकारी कंपनी गैजप्रोम ने कहा है कि नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन में मरम्मत का आवश्यक कार्य करने के लिए गैस आपूर्ति आगे भी रुकी रहेगी। इससे पहले रूस ने बुधवार को तीन दिन के लिए गैस आपूर्ति रोकी थी लेकिन अब उसने इसे शनिवार से चालू न करने की घोषणा की है। यूरोपीय यूनियन (ईयू) ने कहा है कि रूस आर्थिक हथियार के रूप में गैस का इस्तेमाल कर रहा है।

रूस ने कहा है कि गैस निकासी में मुख्य भूमिका निभाने वाला केवल एक टरबाइन इंजन ही कार्य कर रहा है, इसलिए नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन के जरिये गैस आपूर्ति आने वाले दिनों में भी बाधित रहेगी। गैस आपूर्ति संबंधी रूस के ताजा बयान से यूरोपीय देशों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि ठंडक के मौसम के लिए गैस का भंडारण करने वाले दिनों में उन्हें रोजमर्रा की जरूरत की गैस भी नहीं मिल रही है। यूरोपीय देशों को जून के आखिरी सप्ताह से नियमित रूप से गैस नहीं मिल रही है।

माना जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध के विरोध में यूरोप द्वारा रूस पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के जवाब में रूस गैस आपूर्ति बाधित कर रहा है। गैस न मिल पाने से यूरोप पर भीषण आर्थिक मंदी का खतरा मंडरा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले कई हफ्तों से नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन से क्षमता की महज 20 प्रतिशत गैस की आपूर्ति जर्मनी के जरिये यूरोप को हो रही थी।

चालू सप्ताह के तीन दिन यह आपूर्ति भी नहीं हो पाई है। इसी दौरान रूस ने आपूर्ति आगे भी बाधित रहने की जानकारी दी है। रूस की चेतावनी से यूरोपीय देशों की चिंता बढ़ गई है। विदित हो कि यूरोप में गैस से बिजली का उत्पादन होता है और उद्योग धंधों में भी ईंधन के रूप में गैस का इस्तेमाल होता है।

रूसी तेल का कम मूल्य तय करेंगे जी 7 देश

जवाब में जी 7 देशों-अमेरिका, जर्मनी, जापान, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा ने रूसी तेल का मूल्य वैश्विक तेल मूल्य से कम निर्धारित करने का फैसला किया है। रूसी तेल के खरीदार को उसी मूल्य के अनुसार भुगतान करना होगा। इस पर रूस ने कहा है कि कम मूल्य चुकाने वाले देशों को वह तेल नहीं देगा।