Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

मणिपुर हिंसा पर जारी UN के विशेषज्ञों की रिपोर्ट को भारत ने बताया अनुचित और भ्रामक, महिलाओं पर जताई थी चिंता

भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है। भारत के स्थायी मिशन ने UN के इस रिपोर्ट को अनुचित अनुमानपूर्ण और भ्रामक बताया है और कहा है कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है। UN समूह विशेष प्रक्रिया अधिदेश धारकों (SPMH) द्वारा मणिपुर को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गई थी जिसको लेकर भारत ने निराशा जताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 05 Sep 2023 09:17 AM (IST)
Hero Image
मणिपुर हिंसा पर जारी UN के विशेषज्ञों की रिपोर्ट को भारत ने बताया अनुचित और भ्रामक (Image: Jagran Graphic)

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र एक्सपर्ट द्वारा मणिपुर हिंसा पर की गई टिप्पणी को भारत ने अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक बताया और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति शांतिपूर्ण है। मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय की विशेष प्रक्रिया शाखा को सोमवार (4 सितंबर) को जारी नोट वर्बेल में, भारतीय मिशन ने रेखांकित किया कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और स्थिर है। भारत सरकार पूर्वोत्तर राज्य में शांति बनाए रखने के लिए अपेक्षित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत के स्थायी मिशन ने UN की रिपोर्ट पर जताई निराशा

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत के स्थायी मिशन ने कहा, सरकार मणिपुर के लोगों सहित भारत के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। भारत का स्थायी मिशन संयुक्त राष्ट्र एक्सपर्ट द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति को पूरी तरह से खारिज करता है क्योंकि यह न केवल अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक है, बल्कि मणिपुर की स्थिति और इसे संबोधित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर समझ की पूरी कमी को भी दर्शाता है।

क्या था इस रिपोर्ट में?

दरअसल, संयुक्त राष्ट्र एक्सपर्ट के एक समूह ने मणिपुर को लेकर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है, जिसमें राज्य में यौन हिंसा, गैर-न्यायिक हत्याएं, जबरन विस्थापन, यातना और दुर्व्यवहार के कथित कृत्यों सहित 'गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन और दुर्व्यवहार' के बारे में चिंता जताई गई है। भारत ने इसी रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया जारी की है।

भारत ने जताया कड़ा विरोध

बता दें कि UN समूह विशेष प्रक्रिया अधिदेश धारकों (SPMH) ने 'भारत: मणिपुर में निरंतर दुर्व्यवहार से चिंतित संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञ'की एक रिपोर्ट जारी की थी। इसी पर निराशा जताते हुए भारत के स्थायी मिशन ने कहा कि SPMH ने 29 अगस्त, 2023 को इसी विषय पर जारी एक संयुक्त संचार का जवाब देने के लिए भारत सरकार की 60 दिनों की अवधि की प्रतीक्षा किए बिना इस प्रेस विज्ञप्ति को जारी किया। भारत के स्थायी मिशन ने सलाह देते हुए कहा कि भविष्य में एसपीएमएच तथ्यों के आधार पर कोई भी प्रेस विज्ञप्ति जारी करें।

भारत के स्थायी मिशन ने दोहराई अपनी प्रतिबद्धता

भारतीय मिशन ने दोहराया कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जिसमें कानून के शासन और हमारे लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने की स्थायी प्रतिबद्धता है। भारतीय कानून प्रवर्तन प्राधिकरण और सुरक्षा बल कानूनी निश्चितता, आवश्यकता, आनुपातिकता और गैर-भेदभाव के सिद्धांतों के अनुसार कानून-व्यवस्था की स्थितियों से सख्ती से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं।'

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने अपनी समाचार विज्ञप्ति में कहा था कि सभी उम्र की सैकड़ों महिलाओं और लड़कियों और मुख्य रूप से कुकी जातीय अल्पसंख्यक को निशाना बनाने वाली लिंग आधारित हिंसा पर आधारित थी।