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पश्चिम एशिया में तनाव को लेकर UN में क्या हुई बातचीत? सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में एक-दूसरे से भिड़े इजरायल-ईरान

Iran attacks Israel इजरायल पर ईरान के हमले के बाद हुई सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में मध्य-पूर्व (पश्चिम एशिया) में तनाव न बढ़ाने पर आम राय बनी। बैठक में अमेरिका के उप प्रतिनिधि राबर्ट वुड ने कहा कि उनका देश तनाव में बढ़ोतरी नहीं चाहता है। अमेरिका ने इजरायल का समर्थन इसलिए किया क्योंकि उस पर हमला हो रहा था।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Mon, 15 Apr 2024 08:36 PM (IST)
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UN में पश्चिम एशिया में तनाव न बढ़ाने पर सहमति।
आइएएनएस, संयुक्त राष्ट्र। इजरायल पर ईरान के हमले के बाद हुई सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में मध्य-पूर्व (पश्चिम एशिया) में तनाव न बढ़ाने पर आम राय बनी। बैठक में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि मध्य-पूर्व इस समय खतरनाक मोड़ पर है। वहां पर केवल तनाव को कम करने वाले प्रयास होने चाहिए।

UN में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि ने क्या कहा?

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी प्रतिनिधि आमिर सईद ईरावानी ने कहा कि ईरान ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अनुसार आत्मरक्षा में इजरायल पर कार्रवाई की है। ईरान ने सीरिया स्थित अपने दूतावास पर हमले के बाद इजरायल पर कार्रवाई की। इसलिए परिषद ईरान के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा सकती है, जबकि इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि गिलाड एर्डन ने कहा कि सुरक्षा परिषद को न केवल ईरानी हमले की निंदा करनी चाहिए बल्कि ईरान पर ऐसे प्रतिबंध लगाने चाहिए जिससे उसका परमाणु कार्यक्रम आगे न बढ़ पाए।

इजरायल ने ईरान पर कार्रवाई का किया आग्रह

इजरायली प्रतिनिधि ने कहा कि ईरान अगर परमाणु हथियार बनाने में कामयाब हो गया तो वह स्थिति पूरी दुनिया के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगी। परिषद के सदस्यों को अपने टेबलेट पर अल अक्सा मस्जिद के ऊपर ईरानी ड्रोन की तस्वीर दिखाते हुए एर्डन ने कहा कि मुस्लिमों के सर्वाधिक पवित्र स्थलों में से एक अल अक्सा मस्जिद पर हमला कर ईरान विश्व में शिया प्रभुत्व स्थापित करना चाहता था लेकिन इजरायल ने उसे विफल कर दिया।

सुरक्षा परिषद को करनी चाहिए हमले की निंदाः अमेरिका

बैठक में अमेरिका के उप प्रतिनिधि राबर्ट वुड ने कहा कि उनका देश तनाव में बढ़ोतरी नहीं चाहता है। अमेरिका ने इजरायल का समर्थन इसलिए किया क्योंकि उस पर हमला हो रहा था। अब सुरक्षा परिषद को ईरान के हमले और उसके द्वारा छेड़े गए छद्म युद्ध की कड़ी निंदा करनी चाहिए, जबकि रूस के स्थायी प्रतिनिधि वासिली नेबेंजिया ने अमेरिका और उसके सहयोगियों पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि ये देश ईरान के दूतावास पर हमले के समय चुप रहते हैं लेकिन इजरायल पर हमले के समय निंदा करने के लिए खड़े हो जाते हैं। यह स्थिति शांति के लिए अच्छी नहीं है।

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