India Growth Rate: इस वर्ष भारत की वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने की संभावना, संयुक्त राष्ट्र का अनुमान
संयुक्त राष्ट्र ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस साल छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वर्ष यह 6.6 प्रतिशत रही थी। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) ने व्यापार एवं विकास रिपोर्ट में वैश्विक वृद्धि दर 2023 में घटकर 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 12 Apr 2023 11:43 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र, एपी। संयुक्त राष्ट्र ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस साल छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। पिछले वर्ष यह 6.6 प्रतिशत रही थी। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (अंकटाड) ने बुधवार को जारी अपनी व्यापार एवं विकास रिपोर्ट में वैश्विक वृद्धि दर 2023 में घटकर 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जबकि सितंबर, 2022 में इसके 2.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
अंकटाड ने इसके पीछे उच्च ब्याज दर और पहली तिमाही में प्रोत्साहन पैकेज आवंटन को कारण बताया है। रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि उच्च वित्तीय अस्थिरताओं के बीच वैश्विक आर्थिक नरमी के कारण विकासशील देशों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के बड़े हिस्सों में वार्षिक वृद्धि दर कोविड महामारी से पहले के प्रदर्शन से नीचे जाने की आशंका है।
भारत ने 2022 में 6.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि की
रिपोर्ट में कहा गया कि भारत ने 2022 में 6.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि की। 2023 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के लिए सार्वजनिक व निजी क्षेत्र में भारी निवेश और व्यय के साथ-साथ बढ़ते निर्यात का सकारात्मक प्रभाव ऊर्जा आयात के ऊंचे भुगतान के कारण आंशिक रूप से कम हो गया। ऊर्जा आयात बिल अधिक होने से चालू खाते का घाटा भी बढ़ा है।ऋण संकट पर गीता गोपीनाथ के साथ सीतारमण ने की चर्चा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रथम उप-प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ के साथ बैठक में ऋण संकट और अन्य मुद्दों पर चर्चा की। सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठक में भाग लेने यहां आए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कर रही हैं।
वित्त मंत्रालय ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा कि सीतारमण ने गोपीनाथ को वैश्विक सावरेन ऋण राउंडटेबल में भारत के काम में तेजी लाने के लिए बधाई दी और कर्ज से संबंधित संवेदनशीलताओं को दूर करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
बैठक के दौरान वित्त मंत्री ने वित्तीय क्षेत्र के दबाव, बढ़ती वास्तविक ब्याज दरों, बढ़े कर्ज, मुद्रास्फीति, भू-राजनीतिक स्थिति और चीन में लड़खड़ाती वृद्धि सहित अर्थव्यवस्था के प्रमुख नकारात्मक जोखिमों पर आइएमएफ की चिंताओं को संज्ञान में लिया।
मंत्रालय ने ट्वीट में कहा कि गोपीनाथ ने मंत्री को रचनात्मक चर्चाओं के लिए बधाई दी। इस बातचीत की वजह से ही फरवरी में क्रिप्टो संपत्तियों पर बनी सहमति को आगे बढ़ाया जा सका है। फरवरी में क्रिप्टो संपत्तियों पर वैश्विक समन्वित नीतिगत प्रतिक्रिया पर सहमति बनी थी।