अमेरिका ने रूस पर लगाया एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट का आरोप, कहा- मलबे से हुई अंतरिक्ष यात्रियों को परेशानी
अमेरिका ने इश टेस्ट को खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करार देते हुए कहा कि यह कार्रवाई हमारे बाहरी अंतरिक्ष की दीर्घकालिक स्थिरता को खतरे में डालती है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस इसे गैर-जिम्मेदाराना बताया है।
By Manish PandeyEdited By: Updated: Tue, 16 Nov 2021 09:09 AM (IST)
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका ने रूस पर अपने ही एक सैटेलाइट के खिलाफ एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट करने का आरोप लगाया है। अमेरिका ने जोर देकर कहा है कि इसकी वजह से 1,500 से अधिक ट्रैक करने योग्य मलबे का निर्माण हुआ है, जिससे अंतरिक्ष यात्रियों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर अस्थायी रूप से शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।
टाइम पत्रिका ने सोमवार को अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस के हवाले से कहा कि रूसी संघ ने लापरवाही से अपने स्वयं के उपग्रहों में से एक पर एंटी-सैटेलाइट मिसाइल टेस्ट किया। प्राइस ने कहा, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का लापरवाह से किए गए टेस्ट की वजह से 1500 ट्रैक करने योग्य मलबे और छोटे मलबे के सैकड़ों हजारों टुकड़े बनाए हैं, जो अब सभी देशों के हितों के लिए खतरा हैं।
उन्होंने इसे रूस का खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार करार देते हुए कहा कि यह कार्रवाई हमारे बाहरी अंतरिक्ष की दीर्घकालिक स्थिरता को खतरे में डालती है। प्राइस ने जोर देकर कहा कि रूस की कार्रवाई स्पष्ट रूप से दिखाती है कि अंतरिक्ष के हथियार बनाने के मास्को के दावे कितने झूठे हैं।
वहीं, अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जान किर्बी ने रूस की कार्रवाई को गैर-जिम्मेदाराना कृत्य बताते हुए कहा कि कार्रवाई ने एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति का संकेत दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका रूस द्वारा विकसित की जाने वाली क्षमताओं की बारीकी से निगरानी कर रहा है, जो न केवल हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हित के लिए बल्कि अन्य अंतरिक्ष-उन्मुख देशों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।