US Election: डोनाल्ड ट्रंप क्यों जीत सकते हैं अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव? ये है इसके पीछे के पांच कारण
अमेरिकी चुनाव में दोनों के बीच कांटे की टक्कर है। राष्ट्रपति के लिए 50 राज्यों में से प्रत्येक का अपना वोट होगा। इलेक्टोरल कॉलेज प्रणाली के तहत प्रत्येक राज्य में जनसंख्या के आधार पर निर्वाचकों की एक निश्चित संख्या होती है। उम्मीदवारों को जीतने के लिए 538 इलेक्टोरल वोटों में से 270 की आवश्यकता होती है। ऐसे में इस बार ट्रंप के जीतने की उम्मीद ज्यादा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Us president election:अमेरिका में कुछ घंटों बाद राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू होने वाला है। अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप जीतेंगे या फिर कमला हैरिस, ये तो वक्त ही बताएगा। दोनों के बीच कांटे की टक्कर है। राष्ट्रपति के लिए 50 राज्यों में से प्रत्येक का अपना वोट होगा। इलेक्टोरल कॉलेज प्रणाली के तहत, प्रत्येक राज्य में जनसंख्या के आधार पर निर्वाचकों की एक निश्चित संख्या होती है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है ट्रंप चुनाव जीत सकते हैं।
अधिकतर राज्यों में विजेता-टेक-ऑल प्रणाली होती है जो लोकप्रिय वोट जीतने वाले को सभी निर्वाचकों को पुरस्कार देती है। उम्मीदवारों को जीतने के लिए 538 इलेक्टोरल वोटों में से 270 की आवश्यकता होती है, चुनावों का फैसला रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक उम्मीदवारों के बीच बारी-बारी से होने वाले इतिहास वाले "स्विंग स्टेट्स" में होता है।
स्विंग स्टेटस
इस साल सात ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हैरिस और ट्रम्प एरिजोना, जॉर्जिया, मिशिगन, नेवादा, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन में मतदाताओं को लुभा रहे हैं और जीत सुनिश्चित करने के लिए अपने अभियान प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।शुरुआती सर्वे
रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 75 मिलियन लोगों ने शुरुआती मतदान किया है। विश्लेषक मार्क हैल्परिन ने भविष्यवाणी की है कि यदि शुरुआती मतदान के रुझान बरकरार रहते हैं, जिसमें प्रमुख युद्ध के मैदानों में बड़ी संख्या में रिपब्लिकन मतदाता दिखाई दे रहे हैं, तो ट्रम्प जीत जाएंगे। कई राज्यों में जल्दी मतदान शुरू हो गया और रिपोर्टों के अनुसार नेवादा और उत्तरी कैरोलिना जैसे युद्ध के मैदानों में शुरुआती मतदान में रिपब्लिकन डेमोक्रेट से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।इमिग्रेशन के खिलाफ मुहिम दिला सकता है फायदा
अर्थव्यवस्था के अलावा, चुनावों में अक्सर भावनात्मक मुद्दे कारगर साबित होते हैं। डेमोक्रेट्स को उम्मीद है कि यह भावनात्मक मुद्दा गर्भपात कानून होगा, जिसपर अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट बैन लगा चुका है। जबकि ट्रंप का मानना है कि यह मुद्दा इमिग्रेश यानि अप्रवास है। बाइडन के शासन में सीमा पर रिकॉर्ड संख्या में अवैध अप्रवासी अमेरिका में घुसने में कामयाब रहे हैं, लिहाजा सर्वेक्षणों से पता चलता है, कि मतदाता अप्रवास के मामले में ट्रंप पर अधिक भरोसा करते हैं - और वह पिछले चुनावों की तुलना में बहुत बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।