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White House: काफी रोचक है व्हाइट हाउस का इतिहास, 132 कमरे समेत ये है खासियत

व्हाइट हाउस दुनिया की प्रसिद्ध इमारतों में से एक है। यह बिल्डिंग 55 हजार वर्गफीट में फैली हुई है। आपको बता दें कि इस बिल्डिंग को बनाने के लिए आधारशिला 13 अक्टूबर 1792 को रखी गई थी। पहले इस बिल्डिंग को प्रेसिडेंट हाउस के नाम से जाना जाता था लेकिन अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने 1901 में इसे आधिकारिक रूप से व्हाइट हाउस कर दिया।

By Jagran News Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 05 Nov 2024 10:45 PM (IST)
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राष्ट्रपति के दफ्तर को क्यों कहा जाता है ओवल ऑफिस
 डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग जारी है। अमेरिका के वाइट हाउस को जल्द ही नया राष्ट्रपति मिल जाएगा। वाइट हाउस सन 1800 से यहां के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास रहा है। जॉन एडम्स वाइट हाउस में रहने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे।

व्हाइट हाउस में 132 कमरे हैं और हर कमरे को फूलों से सजाया जाता है। 35 बाथरूम, एक पर्सनल मूवी स्क्रीानिंग थियेटर और एक बॉलिंग एली रूम होता है। इसके अलावा 18 एकड़ में फैला एक मैदान, एक स्वीमिंग पुल, टेनिस और बास्केटबॉल कोर्ट्स, जॉगिंग ट्रैक भी है। 

ब्लेयर हाउस, व्हाइट हाउस से भी बड़ा

व्हाइट हाउस के करीब एक गेस्ट हाउस है जिसे ब्लेयर हाउस के तौर पर जानते हैं और यहीं पर राष्ट्रपति के आधिकारिक मेहमान ठहरते हैं। ब्लेयर हाउस, व्हाइट हाउस से भी बड़ा है। इसमें 119 कमरे हैं। जब कोई विदेशी मेहमान यहां पर ठहरता है तो यहां पर उस देश का झंडा लगा दिया जाता है। इसका मतलब होता है कि ब्लेयर हाउस मेहमान के रहने तक उस मेहमान का ही घर हो गया है और राष्ट्रपति के लिए विदेशी जमीन माना जाएगा।

13 अक्टूबर 1792 को आधारशिला रखी गई

व्हाइट हाउस का इतिहास बेहद ही रोचक है। इस इमारत को बनाने के लिए 13 अक्टूबर 1792 को आधारशिला रखी गई। इसके बाद दुनियाभर में प्रसिद्ध इस इमारत को बनने में 8 साल का समय लग गया। इस बिल्डिंग को आयरलैंड के आर्किटेक्ट जेम्स होबन ने डिजाइन किया था। इमारत के निर्माण के बाद इसको "प्रेजिडेंट हाउस" नाम दिया गया।

1915 में पुनः शुरू हुआ पुनर्निर्माण

1914 में बिल्डिंग पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी थी लेकिन इसे दोबारा से बनाने का निर्णय लिया गया। एक बार फिर से एक मूल आर्किटेक्ट जेम्स होबन की मदद ली गई। उन्होंने इसके मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ न करके और कुछ संशोधन के साथ इसे फिर से बनाया गया।

बिल्डिंग को आकर्षक बनाने के लिए इसे पूरी तरह से सफेद रंग से रंग दिया गया जिसके बाद इसको व्हाइट हाउस के नाम से ही जाना जाने लगा। व्हाइट हाउस को आधिकारिक नाम वर्ष 1901 में अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट ने दिया जिसके बाद इसको दुनियाभर में इसी नाम से जाना जाने लगा।

55 हजार वर्गफीट में बनकर हुआ तैयार

यह इमारत 55 हजार वर्गफीट में फैली हुई है। बिल्डिंग कुल 6 मंजिल की है जिसमें कुल 132 कमरे बने हुए हैं। इमारत के अंदर ही थिएटर, जकूजी, टेनिस कोर्ट, पूल सहित अन्य बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस इमारत की कुल कीमत 3300 करोड़ रुपये आंकी गई है।