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'US का विदेश मंत्री रहते मैं जिन नेताओं से मिला, उनमें चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग सबसे अप्रिय'- माइक पोम्पिओ

59 साल के पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ ने नेवर गिव एन इंच फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव नाम से किताब लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि उन्होंने दुनिया के दर्जनों नेताओं से मुलाकात की लेकिन उन्होंने पाया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग सबसे अप्रिय थे।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Mon, 30 Jan 2023 03:27 PM (IST)
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पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ (फाइल फोटो)
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि अमेरिकी विदेश मंत्री के रूप में उन्होंने दुनिया के दर्जनों नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने पाया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग "सबसे अप्रिय" थे। पोम्पिओ ने कहा कि जिनपिंग ने अमेरिका को धमकी दी थी, अगर उनसे जवाब मांगा जाएगा तो बीजिंग पीपीएफ किट भेजना बंद कर देगा।

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने किताब में क्या लिखा

59 साल के पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ ने 'नेवर गिव एन इंच: फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव' नाम से किताब लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि चीनी नेता के साथ कई बार बातचीत की और उन्हें कठोर और सर्वोत्कृष्ट कम्युनिस्ट स्पष्टवादी पाया। वह लिखते हैं कि शी ने चीनी पीड़ितों के बारे में कहानियां सुनाईं और हम में से किसी के भी पैदा होने से बहुत पहले की शिकायतों का बदला लेने की मांग के बारे में बात की।

'जिनपिंग गंभीर नहीं लगे, कभी चेहरे पर हंसी नहीं देखी'

पोम्पिओ की किताब में लिखा है कि व्यक्तिगत रूप से, मुझे लगा कि ची जिनपिंग रूखे हैं। पुतिन दुष्ट होते हुए भी मजाकिया और खुशमिजाज हो सकते हैं, लेकिन जिनपिंग इतने गंभीर नहीं थे। मैंने कभी भी उनके चेहरे पर अप्रत्याशित यानी बिना दबाव के मुस्कान नहीं देखी है।

अपने विचार थोपने में लगे रहते थे जिनपिंग

पोम्पिओ ने लिखा कि मैंने ची जिनफिंग को एक सर्वोत्कृष्ट कम्युनिस्ट स्पष्टवादी भी पाया। जो हमेशा अपने विचार थोपने के लिए उत्सुक रहते हैं, भले ही वह आपकी बात सुनने का दिखावा करते हों। वह एक पूर्व जर्मन या सोवियत कम्युनिस्ट के मनोवैज्ञानिक प्रोफाइल में फिट बैठते हैं, जिसका मैंने अपने सेना के दिनों में अध्ययन किया था।

जिनपिंग के साथ कई मुलाकातों का किया जिक्र

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने किताब में 69 साल के चीनी नेता के साथ अपनी कई मुलाकातों के बारे में लिखा है। पोम्पिओ ने नोट किया कि ची जिनफिंग खोखले लहजे में बात करते थे और हमेशा शब्दों, वाक्यांशों और संदिग्ध स्पष्टता वाली पुरानी चीनी कहावतों का इस्तेमाल करते थे। मैं दुनिया के दर्जनों नेताओं से मिला, लेकिन जिनपिंग सबसे अप्रिय लोगों में से थे।

कोरोना को लेकर भी लिखी है बातें

किताब में पोम्पिओ ने लिखा कोरोना वायरस दुनिया भर में फैलने से पहले दिसंबर 2019 की शुरुआत में मध्य चीनी शहर वुहान में पैदा हुआ था। इसकी वजह से दुनिया भर में 60 लाख से अधिक लोग मारे गए थे। WHO के अनुसार, 27 जनवरी 2023 तक COVID-19 के 75 करोड़ 25 लाख 17 हजार 552 पुष्ट मामले हो चुके हैं, जिनमें 68 लाख 4 हजार 491 मौतें शामिल हैं। हालांकि, उसी समय मैं सच बोलकर जवाबदेही थोपने के लिए दृढ़ था। मैं जानता था कि सीसीपी पहले से ही मुझसे खुश नहीं थी। पोम्पिओ ने कहा कि 25 मार्च को उन्होंने विदेश विभाग में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और वैश्विक आपदा को छिपाने के फैसले को लेकर पार्टी की आलोचना की।

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