US India Drone Deal: भारत को 31 सशस्त्र अमेरिकी ड्रोन की बिक्री पर स्थिति साफ नहीं, आतंकी पन्नू ने लगाया डील पर ग्रहण!
अमेरिका ने उस मीडिया रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की जिसमें समझौते के तहत तीन अरब डॉलर में भारत को 31 सशस्त्र ड्रोन की बिक्री पर अभी फैसला नहीं होने की बात कही गई है। मगर कहा है कि वह हथियारों पर किसी भी सवाल के समाधान के लिए नियमित रूप से कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के सदस्यों के साथ परामर्श करता है जो कि अभी लंबित है।
पीटीआई, वॉशिंगटन। अमेरिका ने उस मीडिया रिपोर्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की, जिसमें समझौते के तहत तीन अरब डॉलर में भारत को 31 सशस्त्र ड्रोन की बिक्री पर अभी फैसला नहीं होने की बात कही गई है। मगर, कहा है कि वह हथियारों पर किसी भी सवाल के समाधान के लिए नियमित रूप से कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के सदस्यों के साथ परामर्श करता है, जो कि अभी लंबित है।
विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के दौरान घोषित प्रस्तावित मेगा ड्रोन सौदा क्षेत्र में द्विपक्षीय रणनीतिक प्रौद्योगिकी सहयोग और सैन्य सहयोग को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता प्रदान करता है।
भारत को 31 हाई एल्टीट्यूड लॉग एंड्योरेंस यूएवी मिलने हैं
तीन अरब डॉलर के सौदे के तहत भारत को 31 हाई एल्टीट्यूड लॉग एंड्योरेंस यूएवी मिलने हैं, जिनमें से नौसेना को 15 सीगार्जियन ड्रोन मिलेंगे, जबकि सेना और भारतीय वायु सेना को आठ-आठ भूमि संस्करण स्काईगार्डियन मिलेंगे। जानकारों का कहना है कि भारत और अमेरिका इन ड्रोनों के मूल्य सहित प्रस्तावित सौदे के विभिन्न पहलुओं की जांच कर रहे हैं।अमेरिका ने भारत को ड्रोन की बिक्री पर रोक लगाई
मैथ्यू मिलर ने एक भारतीय मीडिया रिपोर्ट पर किए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बाइडेन प्रशासन ने खालिस्तानी अलगाववादी को मारने की कथित साजिश में शामिल एक भारतीय अधिकारी के आरोपों की जांच होने तक भारत को सशस्त्र ड्रोन की बिक्री पर रोक लगा दी है।पन्नून को मारने की साजिश में आया था भारत का नाम
बता दें कि पिछले साल नवंबर में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिकी धरती पर खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ काम करने का आरोप लगाया था। पन्नू के पास दोहरी अमेरिकी और कनाडाई नागरिकता है।वहीं, इन आरोपों की जांच के लिए भारत सरकार ने पहले ही एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है।
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