केमिकल-वेपन फ्री देश बनने की कतार में अमेरिका, रासायनिक हथियारों के जत्थे को नष्ट क्यों कर रहा सुपर पावर?
US Chemical Weapon अमेरिकी सेना ने अपने रासायनिक हथियारों के आखिरी जत्थे को नष्ट करना शुरू कर दिया है। आज देश पूरी तरह से केमिकल-वेपन फ्री देश बन जाएगा। भारत ने भी एक समझौते के तहत अपने केमिकल हथियारों को नष्ट कर दिया है। डिफेंस डिपार्टमेंट को हथियार नष्ट करने में 3 लाख करोड़ रुपये का खर्च आया है जो अनुमानित बजट से 29000 प्रतिशत ज्यादा है।
By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 07 Jul 2023 01:49 PM (IST)
नई दिल्ली, शालिनी कुमारी। US Chemical Weapons: अमेरिकी सेना ने देश के रासायनिक हथियारों के सबसे बड़े भंडार को नष्ट करना शुरू कर दिया है और आज वो देश केमिकल हथियारों से मुक्त देश हो जाएगा। इन केमिकल हथियारों को नष्ट करना कोई आसान बात नहीं है।
इन हथियारों को नष्ट करने के लिए काफी योजना और बजट की जरूरत पड़ी है। इन हथियारों को विनाश करने के दौरान एक छोटी-सी चूक भारी विनाश का कारण बन सकती है। गौरतलब है कि अमेरिका दशकों बाद इन हथियारों को नष्ट करने में कामयाब होगा।
1940 के दशक से संग्रहित वेपन होंगे नष्ट
हथियारों का विनाश रिचमंड, केंटुकी और प्यूब्लो, कोलोराडो के लिए एक बड़ा संकट है। अंतरराष्ट्रीय रासायनिक हथियार सम्मेलन के तहत अमेरिका को अपने बचे हुए रासायनिक हथियारों को खत्म करने के लिए 30 सितंबर तक का समय मांगा था।गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय रासायनिक हथियार सम्मेलन की शुरुआत 1997 में हुई थी और अब तक इसमें 193 देश शामिल हुए। केंटुकी में नष्ट किए जा रहे केमिकल हथियारों में जीबी नर्व एजेंट वाले 51,000 एम55 रॉकेटों को भी नष्ट किया जा रहा है, जो 1940 के दशक से डिपो में संग्रहीत किए गए थे।
स्टेनलेस स्टील विस्फोट कक्ष में होंगे नष्ट
प्यूब्लो साइट पर श्रमिकों ने पुराने हथियारों को सावधानीपूर्वक और धीरे-धीरे कन्वेयर सिस्टम पर लोड करने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है। तीन लेयर के एक स्टेनलेस स्टील विस्फोट कक्ष में इस केमिकल हथियारों को नष्ट करने का काम हो रहा है।फिलहाल, अमेरिका ने केमिकल हथियारों को नष्ट करने के लिए रोबोटिक मशीन का इस्तेमाल किया है। इन केमिकल हथियारों को कई हिस्सों में खोलकर और फिर धोकर 1500 डिग्री फारेनहाइट पर जलाया गया है।
इन श्रमिकों की छोटी-सी भूल से इनकी देखने और सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। इसके साथ ही, त्वचा पर छाले और आंखों, नाक, गले तथा फेफड़ों में सूजन पैदा हो सकती है। डिफेंस डिपार्टमेंट को हथियार नष्ट करने में 3 लाख करोड़ रुपये का खर्च आया है, जो अनुमानित बजट से 2900 प्रतिशत ज्यादा है।
सैन्य इतिहास के एक अध्याय की होगी समाप्ति
कोलोराडो और केंटुकी स्थल यूटा और जॉन्सटन एटोल सहित कई स्थानों में देश के रासायनिक हथियारों को संग्रहित किया गया था और नष्ट किया गया। अन्य स्थानों में अलबामा, अर्कांसस और ओरेगन भी शामिल हैं। अमेरिकी अधिकारी सचिव किंग्स्टन रीफ ने कहा कि आखिरी अमेरिकी केमिकल हथियार का विनाश सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय खत्म कर देगा, लेकिन फिर भी हम इन्हें खत्म करने के लिए बहुत उत्सुक हैं।"प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हुआ इस्तेमाल
सैन्य विशेषज्ञों का कहना है कि युद्ध सामग्री को नष्ट करके, अमेरिका आधिकारिक तौर पर यह यह संदेश देना चाह रहा है कि अब युद्ध में इस प्रकार के हथियार स्वीकार्य नहीं हैं।यह संदेश खासकर उन देशों को दिया जा रहा है, जो इस समझौते में शामिल नहीं हुए हैं। इस केमिकल हथियारों को पहली बार प्रथम विश्व युद्ध में इस्तेमाल किया गया था। उस दौरान इसके प्रकोप से लगभग एक लाख से अधिक लोग मारे गए थे।कुछ देशों ने अब भी समझौते पर नहीं किया हस्ताक्षर
गौरतलब है कि मिस्र, उत्तर कोरिया और दक्षिण सूडान ने केमिकल हथियारों को नष्ट करने वाली संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। वहीं, इजराइल ने संधि पर हस्ताक्षर किया है, लेकिन अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। अमेरिकी अधिकारी रीफ ने कहा कि इस बात की चिंता बनी हुई है कि सम्मेलन के कुछ दलों, जैसे रूस और सीरिया के पास अघोषित केमिकल हथियारों का भंडार है, फिर भी, हथियार नियंत्रण समर्थकों को उम्मीद है कि अमेरिका का यह अंतिम कदम शेष देशों को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकता है।आखिर क्या होते हैं केमिकल हथियार?
ऑर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपंस यानी OPCW के मुताबिक, केमिकल हथियार, ऐसे हथियार होते हैं, जिनमें जानबूझकर ऐसे केमिकल डाले जाते हैं, जिसके इस्तेमाल से लोगों को मारा या फिर आसानी से नुकसान पहुंचाया जा सकता है। रासायनिक हथियार को केमिकल वेपन भी कहते है। दरअसल, यह केमिकल हथियार बहुत ही घातक होते हैं, इसके जरिए लाखों, करोड़ों लोगों को एक बार में मौत के घाट उतारा जा सकता है।- इसके अलावा, यदि किसी को इन हथियारों से केवल लोगों को नुकसान पहुंचाना हो तो, यह भी काफी आसान हो जाता है। इस हथियार की मदद से हजारों और लाखों लोगों को एक साथ किसी भी गंभीर बीमारी का शिकार बनाया जा सकता है।
- यहां तक कि किसी भी सैन्य उपकरण में भी यदि केमिकल का इस्तेमाल किया जा रहा है, तो उसे केमिकल हथियाक की कैटेगरी में ही रखा जाता है।
- मूल रूप से रासायनिक हथियारों में विषैली गैस ऑक्सीम, लेविसिट, सल्फर मस्टर्ड, नाइट्रोजन मस्टर्ड, सरीन, विषैली गैस क्लोराइड, हाइड्रोजन, साइनाइड, फॉस्जीन, डाई फॉस्जीन आदि जैसे जहरीले गैसों को मिलाया जाता है।