ईंधन रिसाव के चलते नासा ने पांच दिन में दूसरी बार टाला मून राकेट का प्रक्षेपण, उड़ान से ऐन पहले पता चली गड़बड़ी
US NASA MOON Rocket Launching नासा के आर्टेमिस-1 मून राकेट में शनिवार को भी रिसाव देखा गया। इससे इसकी लॉन्चिंग को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इस हफ्ते दूसरी बार लॉन्च टीम रॉकेट में ईंधन लोड कर रही थी।
केप केनवेरल, एजेंसी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को पांच दिन के भीतर दूसरी बार अपने नए मून (चंद्र) राकेट का प्रक्षेपण टालना पड़ा। इस बार भी कारण ईंधन रिसाव ही रहा। परीक्षण की अंतिम तैयारियों के लिए जब राकेट में ईंधन भरा जा रहा था, तब रिसाव पकड़ में आया। चंद्रमा से मंगल तक के अपने आर्टिमिस कार्यक्रम के तहत नासा को पहले सोमवार को ही अपने इस राकेट का प्रक्षेपण करना था। लेकिन उस दिन भी अंतिम समय में ईंधन रिसाव और एक इंजन के सेंसर में गड़बड़ी सामने आई थी, जिसके बाद प्रक्षेपण को टालना पड़ा था।
ईंधन भरते वक्त रिसाव
उसके बाद नासा ने शनिवार को प्रक्षेपण की फिर तैयारी की थी। लेकिन दूसरे प्रयास के लिए जब नासा के अब तक सबसे शक्तिशाली 322 फुट लंबे राकेट में 10 लाख गैलन ईंधन भरना शुरू किया गया तो उसमें रिसाव शुरू होने लगा।
प्रक्षेपण रोकने के लिए बचे थे केवल दो घंटे
नासा के 'लांच कंट्रोल' ने बताया कि जैसे ही सूर्योदय हुआ, अति-दबाव का अलार्म बज गया और ईंधन टंकी भरने के अभियान को कुछ समय के लिए रोक दिया गया, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ और फिर से प्रयास किया गया। परंतु, कुछ मिनट बाद राकेट के निचले हिस्से में इंजन के क्षेत्र से हाइड्रोजन ईंधन का रिसाव होने लगा। इसके बाद नासा ने अभियान रोक दिया। यह गड़बड़ी उड़ान भरने की उलटी गिनती शुरू होने के बाद पकड़ में आई और नासा के पास प्रक्षेपण रोकने के लिए मात्र दो ही घंटे का समय था।
अभी 'क्रू कैप्सूल' भेजना चाहता है नासा
नासा इस राकेट के जरिये चंद्रमा के आसपास 'क्रू कैप्सूल' भेजना चाहता है और इसके बाद अंतरिक्ष यात्रियों को अगली उड़ान से चांद पर भेजने की योजना है। अगर पुतलों के साथ परीक्षण सफल रहता है, तो अंतरिक्ष यात्री 2024 में चंद्रमा के लिए उड़ान भर सकते हैं और 2025 में उस पर पहुंच सकते हैं। आखिरी बार 50 साल पहले अंतरिक्ष यात्री ने चंद्रमा पर चहलकदमी की थी।