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अमेरिका विश्‍व को दिखाना चाहता है अपनी नौसेना की ताकत, ताकि चीन फिर न करे ऐसी हरकत

दक्षिण चीन सागर में हाल ही में अमेरिका और चीन की तल्‍खी फिर दिखी। चीन के एक युद्धपोत ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के जंगी जहाज यूएसएस डिकेटर का रास्ता रोक लिया।

By Tilak RajEdited By: Updated: Thu, 04 Oct 2018 01:45 PM (IST)
अमेरिका विश्‍व को दिखाना चाहता है अपनी नौसेना की ताकत, ताकि चीन फिर न करे ऐसी हरकत
नई दिल्‍ली, जेएनएन। चीन के युद्धपोत के द्वारा दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के जंगी जहाज का रास्ता रोकने की घटना तूल पकड़ती नजर आ रही है। अमेरिका अब चीन को अपनी सैन्‍य ताकत से रूबरू कराने की योजना बना रहा है। अमेरिकी नौसेना दल की ओर से अपनी ताकत का प्रदर्शन करने का प्रस्‍ताव रखा गया, जो चीन के लिए चेतावनी होगा।

अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। प्रस्‍ताव के मुताबिक, अमेरिकी नौसेना नंवबर के महीने में एक हफ्ते की एक्‍सरसाइज करना चाहती है। इस दौरान जंगी जहाज और लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसका मकसद विश्‍व को अमेरिकी नौसेना की ताकत से रूबरू कराना होगा। साथ ही यह संदेश देना होगा कि अमेरिकी नौसेना किसी भी परिस्थिति या हमले का जवाब देने के लिए सक्षम है।

बता दें कि दक्षिण चीन सागर में हाल ही में अमेरिका और चीन की तल्‍खी फिर दिखी। चीन के एक युद्धपोत ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिका के जंगी जहाज यूएसएस डिकेटर का रास्ता रोक लिया। चीनी युद्धपोत लुयांग इस दौरान अमेरिकी पोत के बेहद करीब आ गया था। अमेरिकी प्रशांत बेड़े के प्रवक्ता कमांडर नेट क्रिस्टेनसन ने सोमवार को यहां इस घटना की जानकारी देते हुए कहा, 'मिसाइलों से सुसज्जित डिकेटर स्वतंत्र आवाजाही अभियान के तहत दक्षिण चीन सागर से जा रहा था।

गौरतलब है कि समुद्री मामलों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण ने वर्ष 2016 में चीन के दक्षिण सागर में उसके हक जताने का फैसला सुनाया था। कोर्ट ने कहा था कि चीन के दावों का कोई कानूनी आधार नहीं है। अमेरिका भी क्षेत्र पर चीन के दावों को खारिज करता है।