US News: भारतीय-अमेरिकी गीता राव गुप्ता बनीं 'एंबेसडर एट लार्ज', उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने दिलाई शपथ
US News भारतीय- अमेरिकी गीता राव गुप्ता ने विदेश मंत्रालय में महिलाओं से संबंधित वैश्विक मुद्दों के लिए एंबेसडर एट लार्ज के तौर पर शपथ ली। हाल ही में लड़कियों और महिलाओं के लिए 3डी कार्यक्रम की कार्यकारी निदेशक और संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन में वरिष्ठ फेलो थीं। इस साल मई में इनके नाम पर मुहर लग चुकी थी जिसके बाद उप-राष्ट्रपति कमाल हैरिस ने उन्हें पद की शपथ दिलाई।
By Shalini KumariEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 11 Jul 2023 11:54 AM (IST)
वाशिंगटन, पीटीआई। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भारतीय-अमेरिकी गीता राव गुप्ता को विदेश मंत्रालय में महिलाओं से संबंधित वैश्विक मुद्दों के लिए 'एंबेसडर एट लार्ज' पद की शपथ दिलाई। इस साल मई में अमेरिकी सीनेट में हुए मतदान में गुप्ता ने 47 के मुकाबले 51 मत हासिल किए गए, जिसके बाद उनके नाम पर मुहर लग गई थी।
Indian-American Geeta Rao Gupta sworn in as Ambassador-at-Large for Global Women's Issues
Edited video is available in video section on https://t.co/lFLnN4oaDV pic.twitter.com/sFhsNINCXv
— Press Trust of India (@PTI_News) July 11, 2023
महिलाओं को करना पड़ता है असमानता और अपमान का सामना
गीत राव गुप्ता के मुताबिक, दुनिया भर में महिलाओं को कई असमानताओं और अपमान का सामना करना पड़ता है, जो उन्हें अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से शामिल होने के रोकता है। उन्होंने कहा था, "महिलाओं की सुरक्षा को खतरा है और उन्हें हर पल हिंसा का डर रहता है और यह उनकी गतिशीलता का पैमाना तय करता है।"उन्होंने कहा, "संघर्ष, आपात स्थिति और मानवीय संकट की स्थितियों में वे विशेष रूप से असुरक्षित होती हैं, न केवल अपनी सुरक्षा के मामले में, बल्कि अपने परिवार की देखभाल करने और अपने परिवारों का भरण-पोषण करने में सक्षम होने के मामले में भी उन्हें असुरक्षित और असमान महसूस होता है।"
महिलाओं के लिए कुछ करना मेरा जुनून और पेशा
खुद को पहली पीढ़ी की आप्रवासी बताते हुए उन्होंने कहा, "मैं पेशेवर महिलाओं के परिवार से हूं, जिनमें से प्रत्येक ने अपना जीवन अपने समुदायों की सेवा के लिए समर्पित कर दिया और ऐसे पुरुषों के परिवार से हूं, जिन्होंने उनका पूरा समर्थन किया।"उन्होंने सांसदों को बताया कि उन्होंने महिलाओं को करियर बनाने में आने वाली बाधाओं को समझने के लिए भारत में अपना डॉक्टरेट रिसर्च किया, जिसने अंततः उन्हें महिलाओं द्वारा अनुभव की जाने वाली असमानताओं को सुधारने पर केंद्रित करियर की ओर प्रेरित किया है। गुप्ता ने कहा, "महिलाओं के लिए सूचना और उनकी स्थिति में बदलाव लाना मेरा जुनून और पेशा दोनों बन गया।"
महिलाएं अपने परिवार के सुरक्षा के लिए हर एक प्रयास करती है
गुप्ता ने कहा, "केन्या और भारत की महिला उद्यमियों से लेकर, जो वित्तीय सेवाओं तक सीमित पहुंच के बावजूद छोटे व्यवसायों को बनाए रखती हैं, लाइबेरिया की बहादुर महिलाओं तक, जो अपने परिवारों और समुदायों के लिए शांति की मांग के लिए बड़ी बाधाओं के बावजूद एकजुट हुईं, मैंने देखा है कि महिलाएं अपने पास मौजूद सीमित संसाधनों का उपयोग कर के अपने परिवारों का भरण-पोषण करने और दूसरों की सुरक्षा प्रदान करती हैं।"