Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

'ट्रूडो के आरोप बेहद गंभीर', अमेरिकी अधिकारी किर्बी बोले- जांच में सहयोग के लिए भारत को करेंगे प्रोत्साहित

भारत और कनाडा के बीच में विवाद गहराता जा रहा है। इसी बीच अमेरिका के शीर्ष अधिकारी का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप को बेहद गंभीर बताया है। रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा कि मैं राजनयिक वार्ता को प्रोटेक्ट करने जा रहा हूं और इसे वहीं छोड़ दूंगा।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 20 Sep 2023 06:51 PM (IST)
Hero Image
रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के समन्वयक हैं जॉन किर्बी (फोटो: एपी/ रायटर)

न्यूयॉर्क, पीटीआई। भारत और कनाडा के बीच में विवाद गहराता जा रहा है। कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप लगाए हैं। जिसे भारत ने खारिज कर दिया है। इसी बीच अमेरिका ने कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप को 'बेहद गंभीर' बताया।

यह भी पढ़ें: 'यात्रा करने से बचें' कनाडा में रह रहे भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए विदेश मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा कि मैं राजनयिक वार्ता को प्रोटेक्ट करने जा रहा हूं और इसे वहीं छोड़ दूंगा। राष्ट्रपति को निश्चित रूप से इन गंभीर आरोपों की जानकारी है और यह आरोप बेहद गंभीर हैं। हम जांच में सहयोग के लिए भारत को प्रोत्साहित करेंगे।

क्या कुछ बोले जॉन किर्बी?

शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि मेरा मानना है कि पारदर्शी व्यापक जांच एक सही दृष्टिकोण है ताकि इसका पता लगाया जा सकें कि वास्तव में क्या हुआ था? निश्चित रूप से भारत को हम सहयोग के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। दरअसल, जॉन किर्बी ने प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में 'भारत' की संलिप्तता के बारे में जस्टिन ट्रूडो के आरोपों से जुड़े एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

क्या है पूरा मामला?

हरदीप सिंह निज्जर की दो अज्ञात बंदूकधारियों ने 18 जून को कोलंबिया प्रांत में स्थित एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या की थी। कनाडाई नागरिक निज्जर भारत के सबसे वांछित आतंकियों में से एक था। बता दें कि हरदीप सिंह निज्जर के सिर पर 10 लाख रुपये का नकद इनाम भी था।

यह भी पढ़ें: कनाडा के मामले में क्या करेगी सरकार? पीएम मोदी से संसद में मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर