Xi-Biden Meet: APEC शिखर सम्मेलन में मिलेंगे शी चिनफिंग और बाइडेन, इजरायल-गाजा समेत अन्य मुद्दों पर हो सकती है चर्चा
बुधवार को अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में जो बाइडेन और शी चिनफिंग के बीच होने जा रही आमने-सामने की बैठक काफी दिनों के बाद हो रही है। बैठक में इजरायल-गाजा समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। वहीं जानकारों का मानना है कि यह बैठक दोनों महाशक्तियों चीन और अमेरिका के बीच तनाव को कम करने के उद्देश्य से होगी।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 14 Nov 2023 06:30 AM (IST)
रॉयटर्स, वाशिंगटन। अमेरिका में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के मुलाकात होने जा रही है। दोनों नेता बुधवार, 15 नवंबर को मुलाकात करने वाले हैं। एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन मेजबानी अमेरिका कर रहा है। व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग एपीईसी के मौके पर मुलाकात के दौरान संचार को मजबूत करने और प्रतिस्पर्धा के प्रबंधन पर चर्चा करेंगे।
काफी दिनों के बाद हो रही बैठक
बुधवार को सैन फ्रांसिस्को में जो बाइडेन और शी चिनफिंग के बीच होने जा रही आमने-सामने की बैठक काफी दिनों के बाद हो रही है। वहीं, जानकारों का मानना है कि यह बैठक दोनों महाशक्तियों के बीच तनाव को कम करने के उद्देश्य से होगी। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि बाइडेन का मानना है कि जटिल संबंधों को प्रबंधित करने के लिए आमने-सामने की कूटनीति का कोई विकल्प नहीं है।
ताइवान, सेमीकंडक्टर जैसे मुद्दों पर अमेरिका और चीन सीधे आमने-सामने हैं। तत्कालीन अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के मुताबिक चीन ने पिछले वर्ष ताइवान की यात्रा के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सैन्य-से-सैन्य संचार काट दिया था, बता दें कि ताइवान, एक लोकतांत्रिक रूप से शासित द्वीप है जिस पर चीन अपना दावा करता है।
बैठक में इन मुद्दों पर बातचीत हो सकती है
तनावपूर्ण संबंधों में तब और खटास आ गई जब फरवरी में अमेरिका ने अमेरिकी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया। चीन और अमेरिका की इस बैठक में दोनों देशों के बीच के पर्सनल इंट्रेस्ट और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद की जा रही है। बैठक में इन मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।
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प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदल जाए
सुलिवन ने कहा कि सेनाओं के बीच संचार यह सुनिश्चित करने का तरीका है कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदल जाए और शिखर सम्मेलन तक बातचीत में चीन इस मुद्दे पर रचनात्मक रहा है। उन्होंने कहा कि हम देखेंगे कि सैन फ्रांसिस्को में क्या होता है और राष्ट्रपति बैठक के बाद रिपोर्ट दे सकेंगे कि क्या वास्तव में हमने सैन्य-से-सैन्य संपर्क बहाल करने में प्रगति की है।