America: बाइडन कर रहे रिपब्लिकन जांच का सामना, अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का मामला
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को रिपब्लिकन जांच का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्होंने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी का ऐलान कर दिया था। इसके चलते तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया। Photo- AP
By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 18 Feb 2023 03:23 PM (IST)
वाशिंगटन, आईएएनएस। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को रिपब्लिकन जांच का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उन्होंने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी में वापसी का ऐलान कर दिया था। इसके चलते तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया। इसके साथ ही अफगान के पूर्व नेता अशरफ गनी को अराजकता और दहशत के बीच देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में नए रिपब्लिकन बहुमत ने रक्षा और राज्य विभागों के प्रमुखों के अलावा अन्य लोगों से तेजी से सैन्य वापसी के बारे में रिपोर्ट मांगी है।
मानवीय तबाही के रूप में सामने आया नतीजा- जेम्स कॉमर
समिति के अध्यक्ष जेम्स कॉमर ने एक बयान में कहा, 'हाउस ओवरसाइट कमेटी ने शुक्रवार को शीर्ष बाइडन प्रशासन के अधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की अराजक वापसी के बारे में सूचना मांगी गई है। दुखद रूप से बाइडन प्रशासन इसके लिए तैयार नहीं था। उनके फैसलों का सीधा परिणाम राष्ट्रीय सुरक्षा और मानवीय तबाही के रूप में सामने आया।'मीडिया में जेम्स के हवाले से बताया गया कि अमेरिकी लोग जवाब के हकदार हैं। बाइडन प्रशासन की ओर से इस जांच में बाधा डालना अस्वीकार्य है। यहां समस्या यह है कि बाइडन प्रशासन ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी का फैसला नहीं लिया।
ट्रंप ने जनमत के दबाव में लिया फैसला
उनके पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप ने पूरी तरह से जनमत के दबाव में सैनिकों को वापस लेने का निर्णय लिया। इराक में युद्ध लड़ने के लिए 18 साल के बच्चों के भेजने के मसौदे के बाद से यह दबाव उन व्याकुल परिवारों से बन रहा था, जिन्होंने अपने बच्चों को एक ऐसी लड़ाई में खो दिया था, जिसमें उनका कोई हित नहीं था।तालिबान के संगठित होने का नहीं लगा पाए अनुमान
यह घरेलू राजनीति थी, जिसने इस क्षेत्र की भू-राजनीति को खत्म कर दिया। बाइडन ने केवल सैनिकों को वापस लेने के ट्रंप के फैसले का पालन किया। मगर, जिस जल्दबाजी में सैनिकों को वापस बुलाया गया, वह शायद एक गंभीर त्रुटि थी। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों या खुफिया एजेंसियों ने यह अनुमान नहीं लगाया था कि तालिबान फिर से संगठित हो जाएगा। यह अमेरिकी सैनिकों के निकलने का साथ ही इतनी तेजी से शहर पर कब्जा कर लेगा।
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