कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ने जाहिर की चिंता, कहा- कुछ नहीं कर रहा चीन
चीन में बढ़ रहे कोविड मामलों को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुलकर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि चीन अपने देश में बढ़ रहे मामलों से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है।
By Edited By: Gaurav TiwariUpdated: Thu, 05 Jan 2023 11:40 AM (IST)
वाशिंगटन, पीटीआई। कोरोना वायरस ने चीन में एक बार फिर तबाही मचा दी है। इसको लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि चीन में बढ़ रहे कोविड मामलों से बचने के लिए बीजिंग कुछ भी नहीं कर रहा है। खराब हो रहे हालातों के मद्देनजर भारत समेत कई देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों के लिए कड़ा रुख अपना लिया है।
कोरोना को लेकर चीन नहीं उठा रहा ठोस कदम
जो बाइडेन से हाल ही में पूछा गया कि चीन में बढ़ रहे कोविड मामलों को लेकर वो चिंतित हैं तो इस बात पर उन्होंने अपनी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि चीन से आने वाले यात्रियों के लिए अमेरिका ने कई कड़े नियम बनाए हैं। जैसे चीन से आने वाले सभी यात्रियों को कोविड टेस्ट करवाना अनिवार्य है साथ ही तमाम ऐसे प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं जो दूसरे देश के यात्रियों के लिए नहीं हैं। लेकिन वहीं बीजिंग कोई खास कदम नहीं उठा रहा है। साथ ही राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि चीन बहुत संवेदनशील हैं और वह वायरस को लेकर सुझावों के बावजूद कोई उपाय नहीं कर रहा है।
वायरस को नियंत्रित करे चीन
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि जब कोविड चीन जैसे बड़ी आबादी वाले बड़े देश में फैल रहा है तो निश्चित रूप से वैरिएंट उभरने की संभावना है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य क्षेत्रों से कोविड के नए वैरिएंट उभर कर सामने आए हैं जो अंत में अमेरिका तक भी पहुंच गए हैं। इससे बहुत खतरा है, चीन इसे नियंत्रण में करे और इसके प्रसार को रोकने के लिए विवेकपूर्ण कदम उठाए। चीन को पूरा प्रयास करना चाहिए कि कोविड किसी भी देश की सीमाओं के बाहर ही रहें।गिनती कम कर रहा है चीन
इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि उसका मानना है कि चीन अपने कोविड मामलों की गिनती कम कर रहा है। बता दें कि वायरस को लेकर चीन और डबल्यूएचओ के अधिकारियों के बीच मंगलवार को चर्चा हुई थी। इस पर नेड प्राइस ने बताया कि उन्होंने डब्ल्यूएचओ के आपात स्थिति निदेशक ने एक बयान दिया है जिसमें चीन में फैल रहे संक्रमण की वर्तमान संख्या, अस्पताल में मरीजों के प्रवेश, आईसीयू की कमी और विशेष रूप से मौतों को लेकर बीमारी के सही स्थिति को दर्शाया गया है।
प्रेस ने बताया कि एजेंसी के पास चीन से संबंधित पूरा डेटा नहीं है। लेकिन आयोग ने मूल्यांकन करने के लिए चीनी अधिकारियों के साथ बात की थी, जिसमें एक औपचारिक संख्या बताई गई थी। एजेंसी को उसके आंकड़े पर विश्वास नहीं हो रहा है और इसकी जांच करने के लिए एजेंसी अपने स्तर पर काम रही है।
डब्ल्यूएचओ की भूमिका अहम
नेड प्राइस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ एक ऐसा संगठन है जिसकी भूमिका हमेशा से काफी अहम रही है। लेकिन अभी इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया क्योंकि दुनिया भर में तेजी से वायरस का प्रभाव हो रहा है। इससे अब केवल बीमारी व मौतें ही नहीं हो रही हैं बल्कि आर्थिक प्रभाव और आपूर्ति में बाधा जैसी समस्याओं भी उभर कर सामने आ रही हैं जिसका सामना करना धीरे-धीरे जटिल होता जा रहा है। ऐसे में केवल डब्ल्यूएचओ ही दुनिया में इस वायरस को रोकने में कारगर साबित हो सकता है।
यह भी पढ़ें: Amazon Layoffs: अमेजन कंपनी में हो सकती है 17 हजार से अधिक कर्मचारियों की छंटनी US-India: अमेरिका ने 2022 में भारतीय छात्रों को 1.25 लाख स्टूडेंटस वीजा किए जारी, टूटे पुराने सभी रिकॉर्ड