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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा- मुक्त, स्थिर व सुरक्षित हिंद प्रशांत क्षेत्र के लिए अमेरिका प्रतिबद्ध

प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते खतरे के बीच दर्जन भर द्वीपीय देशों के सम्मेलन में बोले अमेरिकी राष्ट्रपति-अमेरिका और विश्व की सुरक्षाआपकी और प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा पर निर्भर है। कोविड और यूक्रेन युद्ध के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Fri, 30 Sep 2022 04:36 PM (IST)
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन (फाइल इमेज)
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि एक मुक्त, खुला, स्थिर व सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अमेरिका प्रतिबद्ध है। वाशिंगटन में गुरुवार को प्रशांत क्षेत्र के दर्जन भर द्वीपीय देशों के सम्मेलन में बाइडन ने कहा कि आने वाले वर्षों में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र में इतिहास का बड़ा हिस्सा लिखा जाएगा।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुरक्षित रखने और इसे चीन के बढ़ते खतरे से बचाने लिए इस तरह की परिचर्चा का आयोजन पहली बार किया गया।

इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए बाइडन ने कहा कि आज हम प्रशांत और प्रशांत महासागर में सुरक्षा की गंभीर स्थिति का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और विश्व की सुरक्षा, आपकी और प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा पर निर्भर है। इस सम्मेलन का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए एक दूसरे के प्रति प्रतिबद्धता जताना भी है।


कई देश हुए शामिल

सम्मेलन में फिजी, सोलामन द्वीप, पापुआ न्यु गिनी, तवालु, पलाऊ, समोआ, टोंगा, पालीनेशिया, मार्शल आइलैंड, न्यू कैलेडोनिया के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कोविड और यूक्रेन युद्ध के चलते पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

बाइडेन ने घोषणा की कि उनका प्रशासन कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम भी उठाएगा।

न्यूजीलैंड को संप्रभु राज्यों के रूप में देंगे मान्यता 

उन्होंने कहा 'मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि, उचित परामर्श के बाद, हम कुक आइलैंड्स और न्यूजीलैंड को संप्रभु राज्यों के रूप में मान्यता देंगे।' उन्होंने आगे कहा, 'इस क्षेत्र में वर्तमान में हमारे पास जलवायु कार्यक्रमों में लगभग 375 मिलियन अमरीकी डालर का निर्माण होने जा रहा है।'

बाइडेन प्रशासन का मानना ​​​​है कि प्रशांत द्वीप समूह - एक 'महासागर महाद्वीप' जो पृथ्वी की सतह का लगभग 15 प्रतिशत फैला हुआ है - इंडो-पैसिफिक का एक महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र है।

व्हाइट हाउस के अनुसार, शिखर सम्मेलन जलवायु परिवर्तन, महामारी और आर्थिक सुधार, समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को आगे बढ़ाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर अमेरिका के व्यापक और गहन सहयोग को दर्शाता है।

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