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US News: नवलनी की मौत पर गुस्से में राष्ट्रपति बाइडन, बोले- उनकी मौत के जिम्मेदार पुतिन, हमें मूर्ख न बनाया जाए

नवलनी की मौत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने राष्ट्रपति पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है। आगे उन्होंने कहा कि नवलनी के साथ जो हुआ वह पुतिन की क्रूरता का सबूत है और अब किसी को मूर्ख ना बनाया जाए। राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि हम पुतिन की क्रूरता को जानते हैं और यूक्रेन इसका उदाहरण है। बता दें नवलनी उग्रवाद के आरोप में 19 साल की सजा काट रहे थे।

By Jagran News Edited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 17 Feb 2024 06:30 AM (IST)
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नवलनी की मौत पर राष्ट्रपति बाइडन ने पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है

एएनआई, वाशिंगटन। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर आलोचक कहे जाने वाले विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत हो गई। नवलनी उग्रवाद के आरोप में 19 साल की सजा काट रहे थे, इसी दौरान उनकी मौत हो गई। लेकिन नवलनी की मौत को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने राष्ट्रपति पुतिन को जिम्मेदार ठहराया है। आगे उन्होंने कहा कि नवलनी के साथ जो हुआ वह पुतिन की क्रूरता का सबूत है और अब किसी को मूर्ख ना बनाया जाए।

बाइडन बोले- हम पुतिन की क्रूरता को जानते हैं

आगे राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि अगर उनकी मौत की खबरें सच हैं और मेरे पास यह विश्वास करने का कोई कारण नहीं है कि वे सच नहीं हैं, क्योंकि हम पुतिन की क्रूरता को जानते हैं और यूक्रेन इसका उदाहरण है। आगे बोले कि रूसी अधिकारी अपनी कहानी बताएंगे लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि नवलनी की मौते के जिम्मेदार पुतिन हैं।

उन्होंने आगे कहा कि पुतिन अपने ही देश के नहीं अन्य देशों के नागरिकों को निशाना बनाते हैं, जैसा कि हमने देखा है कि इस समय यूक्रेन में क्या हो रहा है। आगे बाइडन बोले कि पुतिन ने अपने लोगों पर भयानक अपराध किए हैं और रूस और दुनिया भर के लोग आज नवलनी के लिए शोक मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि नवलनी पुतिन सरकार द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार, हिंसा और अन्य गलत की खिलाफत काफी बहादुरी से कर रहे थे।

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कौन थे एलेक्सी नवलनी

नवलनी को पुतिन का घोर विरोधी माना जाता है और उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए थे। 1976 में जन्मे नवलनी ने कानून की पढ़ाई की और एक सफल वकील के रूप में अपनी पहचान स्थापित की, लेकिन साल 2008 में उन्होंने एक ब्लॉग लिखकर सरकारी कंपनियों के घोटालों को उजागर किया था। इसी एक ब्लॉग की बदौलत उनकी लोकप्रियता में दिन दूनी रात चौगुनी रफ्तार से इजाफा हुआ। साथ ही सरकार में शामिल कई नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों को इस्तीफा भी देना पड़ा था।