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US President Election: अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में आईटी, बैंकिंग और ऑयल की दिग्‍गज कंपनियां किसके साथ?

अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। इससे पहले कॉर्पोरेट जगत खुलकर न Americas Big Corporate Divide As US Presidential Election 2024 सिर्फ अपनी-अपनी पसंद के उम्मीदवार का समर्थन कर रहा है बल्कि चुनाव जिताने के लिए भारी-भरकम वित्तीय मदद भी दे रहा है। यहां पढि़ए आईटी बैंकिंग ऑयल समेत कौन-सी दिग्गज कंपनियां किसका समर्थन कर रही हैं।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Fri, 27 Sep 2024 11:18 AM (IST)
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US Presidential Election 2024: कंपनियों कर रहीं खुलकर समर्थन। जागरण ग्राफिक्‍स टीम

डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। अमेरिका में जैसे-जैसे राष्ट्रपति चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे ही राजनीतिक आधार पर कौन किसका समर्थन कर रहा है, ये भी जाहिर होता जा रहा है। आम नागरिकों के बीच राजनीतिक विचारधाराओं में अंतर होना आम बात है, लेकिन अमेरिका इस बार कॉर्पोरेट जगत के लोग भी खुलकर अपनी-अपनी पसंद के उम्मीदवार को समर्थन दे रहे हैं। आईटी, बैंकिंग, ऑयल समेत कई बड़ी कंपनियां व अन्‍य क्षेत्रीय व्यवसायों पर आधारित कंपनियों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का समर्थन शुरू कर दिया।

अमेरिका में 5 नवंबर, 2024 को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच मुकाबला है। जहां कमला हैरिस उदार और वामपंथी विचारधारा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं तो ट्रंप संरक्षणवादी और दक्षिणपंथी नीति का समर्थन कर रहे हैं।

किसके पक्ष में है टेक्‍नोलॉजी?

इस चुनाव में तकनीकी दिग्गज किसे समर्थन कर रहे हैं, अब यह साफ हो चुका है।  माइक्रोसॉफ्ट, गूगल (अल्फाबेट), अमेजन, और सन माइक्रोसिस्टम्स जैसी बड़ी टेक कंपनियों के कर्मचारियों ने कमला हैरिस के  चुनावी अभियान में लाखों डॉलर का योगदान दिया है।

राजनीतिक निगरानी संस्था ओपनसीक्रेट्स (OpenSecrets) की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन कंपनियों के कर्मचारियों की ओर से कमला हैरिस को दिया गया चुनावी चंदा ट्रंप की तुलना में कहीं बहुत ज्यादा है।

दूसरी ओर टेस्ला के मालिक एलन मस्क, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और पेपल के मालिक पीटर एंड्रियास थिएल जैसे तकनीकी अरबपति ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं। इन दोनों ने ट्रंप के चुनावी अभियान में वित्तीय तौर पर कितना योगदान दिया है, इसका खुलासा तो नहीं हो सका है अभी तक, लेकिन दोनों की बयानबाजी से ट्रंप की ओर उनका झुकाव साफ नजर आता है।

जुकरबर्ग के पत्र को ट्रंप ने बनाया चुनावी हथियार

ट्रंप ने जुकरबर्ग के हाउस न्यायपालिका समिति को लिखे गए उस पत्र को भी चुनावी हथियार बना लिया है, जिसमें जुकरबर्ग ने दावा किया था कि कोविड के दौरान बाइडेन प्रशासन ने मेटा पर सामग्री हटाने का दबाव बनाया था, लेकिन जब हमारी टीम ने ऐसा नहीं किया तो बाइडेन प्रशासन ने टीम को परेशान किया।

ट्रंप का समर्थन क्यों कर रहीं बैंकिंग और तेल कंपनियां?

जहां बड़ी टेक्‍नोलॉजी कंपनियां कमला हैरिस का सपोर्ट कर रही हैं। वहीं बैंकिंग और तेल कंपनियों ने डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन में हैं। दरअसल, ट्रंप ने टैक्स और रूल-रेगुलेशन में ढील देने का वादा किया है। ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए निर्धारित नेट-जीरो मिशन को फर्जी करार दिया और कोयला व तेल पर भरोसा जताया।

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इससे इन कंपनियों को लाभ होगा।  इसलिए बैंकिंग और तेल कंपनियां खुलकर ट्रंप का समर्थन कर रही हैं।  हालांकि, ट्रंप को इसके लिए ग्रेटा थनबर्ग समेत कई जलवायु कार्यकर्ताओं की आलोचना का भी सामना करना पड़ा है।

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