कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच सात राज्यों में कड़ा मुकाबला, जो यहां जीता... वही बनेगा राष्ट्रपति; देखें आंकड़े
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में सात स्विंग राज्यों ने डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। यहां दोनों दलों के प्रत्याशियों के बीच टक्कर कांटे की है। हार जीत का अंतर भी बेहद कम रहने की उम्मीद है। आखिरी मौके पर मतदाता जिधर मुड़ा... राष्ट्रपति भी उसी पार्टी का बनना तय है। यही वजह है कि ट्रंप और हैरिस ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पांच नवंबर को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव है। मगर सबकी निगाहें अमेरिका के सात स्विंग राज्यों पर टिकीं हैं। यहां कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच कांटे की टक्कर है। यही वजह है कि दोनों प्रत्याशियों ने यहां अपना पूरा दमखम लगा रखा है। रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी ने सबसे अधिक ताकत पेंसिल्वेनिया में झोकी है। यहां 19 इलेक्टोरल सीटें हैं।
यहां पिछले 28 साल में सिर्फ एक बार रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली है। उधर, नार्थ कैरोलिना ने डेमोक्रेटिक पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। आखिरी बार 2008 में ड्रेमोक्रेट उम्मीदवार के तौर पर बराक ओबामा ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद से पिछले तीन चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को जीत मिली है। स्विंग राज्यों में जीतने वाला ही प्रत्याशी राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचेगा।
पेंसिल्वेनिया
पेंसिल्वेनिया में ट्रंप ने कमला हैरिस के मुकाबले मामूली बढ़त बना रखी है। यहां ट्रंप को 48.5 फीसदी समर्थन मिला है। वहीं कमला हैरिस के पक्ष में 47.4 फीसदी मतदाता हैं। यह खुलासा एटलसइंटेल की सर्वे में हुआ। मैरिस्ट के सर्वे के मुताबिक हैरिस को 50 और ट्रंप को 48 फीसदी समर्थन मिलता दिख रहा है। वहीं यूएसए टुडे सफोक के सर्वेक्षण में ट्रंप और हैरिस के बीच बराबरी दिख ही है। दोनों के पक्ष में 49 फीसदी मतदाता खड़े हैं। पिछले चुनाव में यहां जो बाइडन को जीत मिली थी।
मिशगन
मैरिस्ट के सर्वे में कमला हैरिस मिशगन में आगे चल रही हैं। मगर ट्रंप मामूली अंतर से उनसे पीछे हैं। कमला को 51 फीसदी समर्थन मिलता दिख रहा है। वहीं 48 फीसदी मतदाता ट्रंप के समर्थन में हैं। एटलसइंटेल के मुताबिक ट्रंप के समर्थन में 49.2 फीसदी और हैरिस के समर्थन में 48.3 फीसदी मतदाता हैं। पिछले चुनाव में जो बाइडन को जीत मिली थी। जबकि 2016 में ट्रंप ने क्लिंटन को शिकस्त दी थी। 1992 के बाद पहली बार रिपब्लिकन को ट्रंप ने मिशगन में जीत दिलाई थी। मिशिगन में अरब मुस्लिमों की संख्या भी खूब है। हार जीत में इनकी भूमिका अहम रहने वाली है।