इसके बाद से डेमोक्रेटिक पार्टी में ऐसे सांसदों की संख्या और बढ़ती जा रही है, जो बाइडेन से गुजारिश कर रहे हैं कि दोबारा अमेरिका का राष्ट्रपति बनने का सपना छोड़ दें और राष्ट्रपति पद की रेस से अपना नाम ले लें। हालांकि, बाइडन ने भी जोर देकर कहा है कि वह राष्ट्रपति की रेस में बने रहेंगे।
अब आप सोच रहे होंगे कि अगर जो बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने का फैसला लेते हैं तो संभावित उम्मीदवार कौन होगा? क्या अमेरिका में ऐसा पहले भी हुआ है? अगर बाइडन राष्ट्रपति पद की रेस से अपना नाम वापस नहीं लेते हैं तो क्या उनको जबरन हटाया जा सकता है? अमेरिका में आम चुनाव कब हैं और चुनाव की प्रक्रिया क्या है? ऐसे ही ही कई सवालों के जवाब यहां पढ़िए ...
अमेरिका में 5 नवंबर, 2024 को चुनाव होने हैं। इस चुनाव में 16 करोड़ से ज्यादा पंजीकृत मतदाता अमेरिका के 60वें राष्ट्रपति को चुनेंगे। अमेरिका अगला लीडर कौन होगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। चुनाव मैदान में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से 81 वर्षीय जो बाइडन मैदान में हैं तो रिपब्लिकन पार्टी की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मैदान में हैं। ट्रंप बाइडन को तगड़ी टक्कर दे रहे हैं।
बाइडन बोले- लेडीज एंड जेंटलमैन प्रेसिडेंट पुतिन
दरअसल, नाटो (NATO) के 75 साल पूरे होने पर अमेरिका मे 9 से 11 जुलाई के बीच एक सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें उन देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे, जो नाटो के सदस्य हैं। सम्मेलन के आखिरी दिन यानी गुरुवार देर शाम बाइडन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने अपनी बात पूरी करने के बाद जेलेंस्की को इनवाइट कर रहे थे। जेलेंस्की को बुलाते हुए बाइइन ने कहा, ''मैं अब यूक्रेन के राष्ट्रपति को बुलाना चाहूंगा। वे जितने साहसी हैं, उतने ही समर्पित भी हैं। लेडीज एंड जेंटल मेन प्रेसिडेंट पुतिन।''
हालांकि, जैसे ही बाइडन यह कहकर आगे बढ़े उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ। इसके बाद वह तुरंत पोडियम की मुड़े और कहा, प्रेसिडेंट पुतिन नहीं प्रेसिडेंट जेलेंस्की। मेरा ध्यान पुतिन को हराने पर इतना ज्यादा है कि अब हमको इस बात की चिंता करनी चाहिए।
कमला हैरिस को इस नाम से बुलाया
इसके थोड़ी देर बाद एक रिपोर्टर ने बाइडन से पूछा, सर अगर आपकी जगह डेमोक्रेटिक पार्टी कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाती है तो क्या वह डोनाल्ड ट्रंप को हराने में सक्षम है?
इस पर बाइडन ने जवाब दिया कि अगर वाइस प्रेसिडेंट ट्रंप राष्ट्रपति बनने के काबिल नहीं होतीं तो मैं उन्हें कभी उप राष्ट्रपति नहीं बनाता।' बाइडन को उप-राष्ट्रपति का नाम भूलता देख वहां मौजूद पत्रकार भी झुंझला गए।
क्यों बाइडन की योग्यता पर उठे सवाल?
27 जून को पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में बाइडन ने रुक-रुक कर और समय लेकर अपनी बात कही। डिबेट में वह उतने अच्छे से तर्क भी नहीं रख पाए, जितना कि ट्रंप ने रखे।
इसके बाद से ही बाइडन की पार्टी के सदस्य ही उनसे राष्ट्रपति पद की दावेदारी छोड़ने की बात कर रहे हैं। फिर अब नाटो समिट में कई लोगों के नाम गलत बोलकर बाइडन ने अपनी राष्ट्रपति पद पर बने रहने की योग्यता पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।
सांसद छोड़ रहे बाइडन का साथ तो गवर्नर कर रहे समर्थन
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के निचले सदन यानी हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव एक ऐसा खत लिखा जा सकता है, जिस पर पार्टी सदस्य अपने सहयोगियों के हस्ताक्षर करवाना चाहते हैं। इससे बाइडन को राष्ट्रपति की रेस से हटने के लिए मनाया जा सके। हालांकि, राष्ट्रपति बाइडन के पास डेमोक्रेटिक के गवर्नरों का समर्थन है।
हाल ही में व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन से मिलकर आए गवर्नरों ने मीडिया से बात करते हुए यह संदेश भी दिया। मैरीलैंड के गवर्नर वेस मूर ने कहा कि हम राष्ट्रपति से मिले और अपनी चिंताओं से अवगत कराया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह अपना नाम नहीं ले रहे हैं।इसके बाद हमने कहा कि हम उनके साथ हैं। वहीं कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम ने कहा कि वे अब भी बाइडन के साथ खड़े हैं। अगर कमला हैरिस को नॉमिनेट किया जाता है तो वे उनके खिलाफ नहीं जाएंगे।
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जॉर्ज क्लूनी ने भी नाम वापस लेने की अपील की
अब राष्ट्रपति बाइडन के सबसे बड़े समर्थक फिल्म स्टार जॉर्ज क्लूनी ने भी गुरुवार को उनसे नाम वापस लेने की अपील की है। क्लूनी एक लेख में लिखा, ''वह बाइडन का पसंद करते हैं, लेकिन उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर डेमोक्रेटिक पार्टी कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में अपना बहुमत खो देगी। यह सिर्फ मेरी नहीं, हर सीनेटर,कांग्रेस सदस्य और गवर्नर की राय है, जिनसे मैंने निजी तौर पर बातचीत की है।''
बता दें कि क्लूनी बाइडन के विरोध नहीं हैं। पिछले महीने ही उन्होंने राष्ट्रपति के लिए 30 मिलियन डॉलर के हॉलीवुड फंडरेजर की मेजबानी की थी।
बाइडन को लेकर ओबामा और नैंसी पेलोसी भी चिंतित
सीएनएन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डेमोक्रेटिक पार्टी में राष्ट्रपति पद के लिए बाइडन की उम्मीदवारी लगातार चिंता बढ़ रही है। नाटो समिट के बाद पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और नैंसी पेलोसी ने बाइडन को लेकर चिंता जताई है।
बता दें कि ओबामा और पेलोसी डेमोक्रेटिक पार्टी के वे दो नेता हैं, जिन्होंने ट्रंप से प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद हारने पर बाइडन का समर्थन किया था। अब दोनों ने बाइडन की दावेदारी पर चिंता जताई है। नैंसी पेलोसी ने डेमोक्रेटिक नेताओं से कहा कि वह नाटो देशों के प्रतिनिधियों के जाने के बाद इस मुद्दे पर बात करेंगी।
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और डेमोक्रेटिक नेता नैंसी पेलोसी।
बाइडन के पीछे हटने पर संभावित उम्मीदवार कौन हैं?
अगर बाइडन राष्ट्रपति पद की रेस से अपना नाम वापस लेते हैं तो उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस उनकी जगह ले लेंगी, लेकिन यह तब ही होगा, जबकि बाइडन नवंबर में होने वाले चुनाव की दौड़ से खुद को बाहर कर लेते हैं। अगर वह खुद को बाहर नहीं करते हैं तो ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जो उपराष्ट्रपति को खुले कन्वेंशन में बढ़त दे।कमला हैरिस को अन्य उम्मीदवारों की तरह ही प्रतिनिधियों में बहुमत को हासिल करना होगा। कमला पहले से ही डेमोक्रेटिक पार्टी में अग्रणी जगह पर हैं, ऐसे में यह तो तय है कि उनको पसंद किया जा रहा है, लेकिन अमेरिकी जनता में उनकी कम लोकप्रियता उनके आड़े आ सकती है
मिशेल ओबामा भी बन सकती हैं उम्मीदवार?
उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के बाद कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम, मिशिगन के गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमोर और पेंसिल्वेनिया के गवर्नर जोश शापिरो आदि नाम भी उस सूची में शामिल हैं, जो पार्टी का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।हालांकि, अमेरिकी सीनेटर टेड क्रूज (आर-टेक्सास) ने पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा के बाइडन की जगह लेने की संभावना जताई है। उन्होंने अपने पॉडकास्ट में कहा कि 80 प्रतिशत की संभावना है कि डेमोक्रेटिक पार्टी जो बाइडन की जगह मिशेल ओबामा को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बना सकती है।
क्या इससे पहले भी कभी ऐसा हुआ?
साल 1968 के चुनाव में राष्ट्रपति लिंडन बी जॉनसन ने उम्मीदवारी से पीछे हटने का फैसला करके सबको हैरत में डाल दिया था। उन्होंने यह फैसला वियतनाम युद्ध के चलते लिया था। हालांकि, उनका यह फैसला डेमोक्रेट्स के लिए अच्छा नहीं रहा। उस चुनाव में डेमोक्रेट्स को हार का सामना करना पड़ा था।
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