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US Presidential Election 2024: एक 81 तो दूसरा 77 साल का उम्मीदवार, पहली बार दो बुजुर्गों के बीच होगी कड़ी टक्कर

दुनिया के सबसे ताकतवर देश के सबसे ताकतवर शख्स को दुनिया का सबसे पावरफुल व्यक्ति माना जाता है। हालांकि इसके बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति के पास कई अधिकार है जिन्हें सीमित रखा गया है। अमेरिका में चुनाव की तारिख से एक-डेढ़ साल पहले ही तैयारी शुरू हो जाती है। पार्टियां और उम्मीदवार कई योजनाएं बनाती है और लॉबिंग से लेकर फंड जुटाने तक कि तैयारी की जाती है।

By Shalini Kumari Edited By: Shalini Kumari Updated: Mon, 01 Jan 2024 01:01 PM (IST)
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डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन का होगा आमना-सामना

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। US Presidential Election 2024: साल 2024 में अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, इसको लेकर राजनीतिक सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव न केवल देश के लिए बल्कि कई अन्य देशों के लिए भी काफी अहम होता है। इसी कारण से सभी पार्टियां इस चुनाव में अपनी जान लगा देते हैं।

एक तरफ कुछ दिन पहले ही कोलोराडो के सुप्रीम कोर्ट  ने अपने फैसले में डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर अयोग्य घोषित कर दिया है, वहीं, दूसरी तरफ डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से जो बाइडन एक बार फिर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं। इसके बाद भी, डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप इस बार भी जो बाइडन को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं।

कई देशों के लिए अहम अमेरिका का चुनाव

अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जितना अहम माना जाता है, उतना ही इसको आयोजित करने में खर्च आता है। इस खबर में हम आपको अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव से जुड़े सवालों का जवाब देंगे कि आखिर इस चुनाव में कितना खर्च आता है, इसकी फंडिंग कहां से होती, उम्मीदवारों का चयन कैसे किया जाता है और इस बार रेस में कितने चेहरे शामिल है।

चुनावी रेस में भारतवंशी भी शामिल

अमेरिका अपने इतिहास में पहली बार सबसे उम्रदराज लोगों के बीच अपना प्रत्याशी चुनने वाला है। दरअसल, व्हाइट हाउस में अपनी दूसरी पारी हासिल करने की चाह रखने वाले जो बाइडन की उम्र 81 वर्ष है और वहीं, इनके प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रंप की उम्र 77 साल है। अब तक के सर्वे में दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। के एक-दूसरे को जबरदस्त टक्कर दे रहे हैं।

वहीं, इस रेस में भारतवंशी भी शामिल है। दरअसल, इस बार चुनाव में निकी हेली और रामास्वामी भी अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं।

अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव को दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव माना जाता है। इस साल का चुनाव इसके इतिहास का सबसे महंगा चुनाव होगा। अनुमान लगाया गया है कि इस साल का खर्च पिछले चुनाव से दोगुना होने वाला है। दरअसल, अमेरिकी दल इस चुनाव के प्रचार में एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने वाली है, जिसके कारण इसे सबसे खर्चीला चुनाव माना जा रहा है।  

भारतीय वोटर्स होंगे किंगमेकर

साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय-अमेरिकियों की बेहद अहम भूमिका रहने वाली है। दरअसल, इनके वोट का पार्टी और उम्मीदवार पर गहरा असर होने वाला है। भारतीय-अमेरिकियों की अहमियत का पता इस बात से लगाया जा सकता है कि जो बाइडन ने पिछले कुछ सालों में भारत के साथ अपने संबंधों को पहले से कई अधिक मजबूत बनाने का प्रयास किया है।

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इसके साथ ही, उन्होंने कई बड़े पद पर इस समय भारतवंशी को जगह दी है। उनका भारत और भारतीय-अमेरिकियों की ओर झुकाव उनके लिए आगामी चुनाव में मददगार साबित हो सकता है।

इसके साथ ही, ट्रंप ने भी अपने कार्यकाल में इस बात पर काफी जोर दिया था कि उनका वोट बैंक उनसे दूर न हो। यहां तक कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति बनाया था, जो भारतीय मूल की हैं।

भ्रामक चुनाव बनकर उभर सकता है यह चुनाव

अमेरिका का चुनाव दुनिया का सबसे भ्रामक चुनाव बनकर भी सामने आ सकता है। दरअसल, सभी पार्टियां अपने उम्मीदवारों के किस्मत में जीत लिखने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने विपक्षी पार्टियों और उम्मीदवारों को लेकर कई तरह के प्रचार किए हैं।

इतना ही नहीं, अपने उम्मीदवारों की जीत के लिए जनता भी पूरी कोशिश कर रही है। हालांकि, इसमें भी एक नकारात्मक पहलू यह है कि इस बीच एआई की मदद से कई विपक्षी पार्टियों और उम्मीदवारों के कई भ्रामक और झूठे बातों का दावा किया जा रहा है। एआई के कारण सच और झूठ के बीच एक रेखा खींच पाना भी मुश्किल है, ऐसे में किसी प्रकार के प्रचार पर विश्वास कर के उसके आधार पर वोटिंग करना भारी पड़ सकता है।

चुनाव में आ सकता है कितना खर्च?

अमेरिका में चुनाव की तारीख से एक-डेढ़ साल पहले ही तैयारी शुरू हो जाती है। जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने के लिए पार्टियां और उम्मीदवार कई योजनाएं बनाती है और लॉबिंग से लेकर फंड जुटाने तक कि तैयारी की जाती है।

हालांकि, अमेरिका के चुनाव की खास बात यह है कि इस चुनाव में खर्च की कोई सीमा तय नहीं की गई है। जो भी उम्मीदवार अपने मुताबिक, जो खर्च कर सकता है, उसे उतनी छूट होती है। इस चुनाव में कई बिलियन डॉलर तक खर्च हो चुके हैं और आगे यह खर्च बढ़ सकता है।

बेहद पावरफुल होता है अमेरिकी राष्ट्रपति

दुनिया के सबसे ताकतवर देश के सबसे ताकतवर शख्स को दुनिया का सबसे पावरफुल व्यक्ति माना जाता है। हालांकि, इसके बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति के पास कई अधिकार है, जिन्हें सीमित रखा गया है।

  • अमेरिकी राष्ट्रपति दो बार से ज्यादा पद के लिए उम्मीदवार नहीं रह जाता है।
  • अमेरिका का राष्ट्रपति किसी भी नए देश को मान्यता दे सकता है।
  • अमेरिकी राष्ट्रपति सरकार और राज्यों का प्रमुख होता है।
  • केवल राष्ट्रपति ही सांसद द्वारा पास किए गए कानूनों को लागू करता है।

इस साल कई देशों में लोकसभा चुनाव

साल 2024 दुनिया के लिए चुनावी साल होने वाला है। दरअसल, विश्व स्तर पर अकेले यूरोप में लगभग 64 देशों में राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं, जो दुनिया में लगभग 49% लोगों की कुल आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

वहीं, एशिया के बड़े देशों जैसे भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश में भी आम चुनाव होने हैं। 

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