US Election: राष्ट्रपति पद की दौड़ में ट्रंप को टक्कर देंगे 3 भारतीय अमेरिकी, पढ़ें क्यों दिलचस्प होगा मुकाबला
US Election ट्रंप को बाइडन के खिलाफ मुकाबला करने के लिए पसंदीदा उम्मीदवार भी माना जा रहा है। इस बीच कुछ भारतीय-अमेरिकी नेता डोनाल़्ड ट्रंप की ही मुश्लिकें बढ़ा सकते हैं। रिपब्लिकन अपनी पार्टी के अगले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को औपचारिक रूप से चुनने के लिए जल्द बैठक करने वाले हैं। रिपब्लिकन के राष्ट्रपति पद के नामांकन की रेस में तीन भारतीय अमेरिकी हैं आइए उनके बारे में जानें...
वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्क। US Presidential Election अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को 2024 के चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा कड़ी टक्कर मिलने की संभावना जताई जा रही है। ट्रंप को बाइडन के खिलाफ मुकाबला करने के लिए पसंदीदा उम्मीदवार भी माना जा रहा है। इस बीच कुछ भारतीय-अमेरिकी नेता डोनाल्ड ट्रंप की ही मुश्लिकें बढ़ा सकते हैं।
भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी, निक्की हेली और हर्ष वर्धन सिंह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान कर चुके हैं। हालांकि, कानूनी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद 2024 के लिए रिपब्लिकन पार्टी के नामांकन की दौड़ में ट्रंप सबसे आगे चल रहे हैं।
रिपब्लिकन अपनी पार्टी के अगले राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को औपचारिक रूप से चुनने के लिए जल्द बैठक करने वाले हैं। रिपब्लिकन के राष्ट्रपति पद के नामांकन की रेस में तीन भारतीय-अमेरिकी मौजूद रहेंगे, आइए उनके बारे में जानें...
कभी चुनाव नहीं हारी निक्की हेली
दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर और अमेरिका में ट्रम्प की पहली राजदूत निक्की हेली रिपब्लिकन पार्टी की एकमात्र महिला उम्मीदवार है। निक्की भारतीय आप्रवासियों की 51 वर्षीय बेटी है, जिसने कभी चुनाव नहीं हारी है। उन्होंने ट्रंप प्रशासन में अपने कार्यकाल में भी खूब नाम कमाया था।
ट्रंप का ही किया विरोध
ट्रंप प्रशासन में काम करने के बावजूद निक्की ने ट्रंप का ही विरोध किया। उन्होंने पिछले चुनाव में मतदाता धोखाधड़ी के ट्रंप के आरोपों को खारिज किया था और उनके चुनाव अभियान की आलोचना की।
चुनाव के लिए 26 मिलियन डॉलर जुटाए
भले ही अधिकांश सर्वेक्षणों में निक्की का प्रदर्शन कम रहा है, फिर भी वह लगातार फंड जुटा रही हैं। हेली का समर्थन करने वाले सुपर पीएसी, स्टैंड फॉर अमेरिका फंड इंक ने अप्रैल से जून तक 18.7 मिलियन डॉलर (लगभग 153 करोड़ 22 लाख) जुटाए, जिससे उनकी कुल राशि 26 मिलियन डॉलर हो गई।
विवेक रामास्वामी
टेक बिजनसमेन विवेक रामास्वामी ने फरवरी में ही अमेरिकी रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन प्रतियोगिता में प्रवेश किया, लेकिन उनके फॉलोअर बढ़ने से अब वह नंबर 3 पर आ गए हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस के बाद अब उनकी ही चर्चा है।
रॉयटर्स-इप्सोस के एक सर्वे के मुताबिक, रामास्वामी को रिपब्लिकन पार्टी के 9 फीसद नेताओं का समर्थन मिला है। ट्रंप को आश्चर्यजनक रूप से 47 फीसद वोट मिले हैं, जो उनके प्रतिद्वंद्वी रॉन डेसेंटिस के 19 फीसद से काफी ऊपर है। रामास्वामी के माता-पिता केरल से अमेरिका आए थे और ओहियो में एक जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी में काम करते थे।
चीन के खिलाफ खोल रखा मोर्चा
37 वर्षीय विवेक रामास्वामी स्वास्थ्य सेवा में बदलाव की प्रतिबद्धता के लिए वैश्विक मान्यता मिली है। वह चीन पर निर्भरता समाप्त करने के वादे के साथ राष्ट्रपति पद की रेस में हैं। विवेक को अभी तक 16 मिलियन डॉलर का चुनावी चंदा जुटाया है।
हर्षवर्धन सिंह
पेशे से इंजीनियर, हर्ष वर्धन सिंह भी अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल हैं। ट्विटर पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में 38 वर्षीय हर्षवर्धन ने कहा कि वह एक "अमेरिका फर्स्ट" रूढ़िवादी हैं और हमेशा अमेरिका के लिए जिएंगे।
हर्षवर्धन 2017 और 2021 में न्यू जर्सी के गवर्नर के लिए, 2018 में हाउस सीट के लिए और 2020 में सीनेट के लिए रिपब्लिकन पार्टी का नामांकन पाने की दौड़ में थे, लेकिन सीट पाने में असफल रहे।