Move to Jagran APP

क्या PM मोदी की वाशिंगटन यात्रा से पहले ड्रोन सौदे पर लगेगी मुहर? भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा अमेरिका

भारत लंबे समय से संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) से अत्याधुनिक ड्रोन खरीदने में अपनी रुचि दिखाता रहा है लेकिन नौकरशाही बाधाओं ने सीगार्डियन (SeaGuardian) ड्रोन सौदे में बाधा उत्पन्न की है। जिसकी वजह से अबतक ड्रोन सौदा नहीं हो पाया है।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 14 Jun 2023 03:56 PM (IST)
Hero Image
भारत पर ड्रोन डील के लिए दबाव बना रहा अमेरिका (फाइल फोटो)
वाशिंगटन, रायटर। MQ-9B SeaGuardian deal: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा से पहले बाइडन प्रशासन नई दिल्ली पर अमेरिकी निर्मित ड्रोन सौदे को फाइनल करने पर जोर दे रहा है। इस मामले से जुड़े लोगों ने यह जानकारी दी।

भारत लंबे समय से संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) से अत्याधुनिक ड्रोन खरीदने में अपनी रुचि दिखाता रहा है, लेकिन नौकरशाही बाधाओं ने सीगार्डियन (SeaGuardian) ड्रोन सौदे में बाधा उत्पन्न की है। जिसकी वजह से अबतक ड्रोन सौदा नहीं हो पाया है।

अमेरिकी वार्ताकार चाहते हैं कि इस डील को प्रधानमंत्री मोदी की 22 जून की यात्रा से पहले फाइनल कर लिया जाए।

भारत से क्या चाहता है अमेरिका?

सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी की राजकीय यात्रा की तारीख तय हो गई और अमेरिकी विदेशी विभाग, पेंटागन और व्हाइट हाउस ने भारत को एटॉमिक्स MQ-9B सीगार्डियन ड्रोन के लिए सौदे पर आगे बढ़ने के लिए कहा है।

सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच सैनिकों के लिए बख्तरबंद वाहनों के साथ-साथ अन्य हथियारों के सह-उत्पादन पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। हालांकि, व्हाइट हाउस, विदेश विभाग और पेंटागन के प्रवक्ताओं ने वार्ता पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

Fact Check: केदारनाथ में यात्रियों से मारपीट मामले में नहीं है कोई सांप्रदायिक एंगल, आरोपी और पीड़ित एक ही समुदाय के

कब अमेरिकी दौरे पर जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी?

प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन के निमंत्रण पर इस महीने अमेरिका की राजकीय यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की चार दिवसीय यात्रा 21 जून से शुरू होगी। बाइडन दंपती 22 जून को राजकीय भोज पर भारतीय प्रधानमंत्री की मेजबानी करेंगे।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत के साथ अपने गहरे संबंधों को अपनी नीति का आधार बनाया। इस साल दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकियों पर सहयोग को लेकर विशेष ध्यान दिया है।