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'हम बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़े हैं', शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अमेरिका की आई पहली प्रतिक्रिया

Bangladesh Violence बांग्लादेश में तख्तापलट पर अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी। उसने अंतरिम सरकार के गठन के फैसले का भी स्वागत किया। हालांकि प्रदर्शनकारियों की मौत पर दुख जताया। मानवाधिकारों के हनन पर चिंता भी व्यक्त की। अमेरिका का कहना है कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन वहां के कानून के मुताबिक ही किया जाए। लोगों से हिंसा से बचने की अपील भी की।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 06 Aug 2024 01:39 AM (IST)
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Bangladesh Violence: अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर। (फोटो- एएनआई)

एएनआई, वाशिंगटन। बांग्लादेश की मौजूदा स्थित पर संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि बांग्लादेश के हालात पर हमारी निगाहें हैं। उन्होंने लोगों से हिंसा से बचने की अपील की। अमेरिका ने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार के गठन के फैसले का स्वागत करता हूं। बता दें कि पिछले कुछ समय से बांग्लादेश और अमेरिकी के रिश्ते अच्छी नहीं थे। अमेरिका ने शेख हसीना पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था।

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मैथ्यू मिलर ने कहा कि प्रधानमंत्री हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने बांग्लादेश भी छोड़ दिया है। हम स्थिति पर सावधानीपूर्वक नजर रख रहे हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ा है। हम सभी पक्षों से हिंसा से बचने की अपील करते हैं।

अमेरिका हताहत की खबरों से दुखी

मैथ्यू मिलर ने कहा कि पिछले कई हफ्तों में बहुत से लोगों की जान चली गई है। हम आने वाले दिनों में शांति और संयम बरतने का आग्रह करते हैं। अंतरिम सरकार की घोषणा का स्वागत भी करते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी बदलाव बांग्लादेश के कानूनों के अनुसार ही किया जाए। मिलर ने कहा कि पिछले हफ्ते मानवाधिकारों के हनन और लोगों के घायल व हताहत होने की खबरों से हम बहुत दुखी हैं।

आर्थिक मदद का जिक्र भी किया

बांग्लादेश को दी गई वित्तीय सहायता का भी मैथ्यू मिलर ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023 में अमेरिका ने बांग्लादेश को द्विपक्षीय आर्थिक विकास और स्वास्थ्य सहायता में 212 मिलियन डॉलर की मदद प्रदान की थी। मिलर ने यह भी कहा कि हम इन्हें जारी रखना चाहेंगे क्योंकि यह बांग्लादेश के लोगों के साथ हमारे संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका ने अगस्त 2017 से रोहिंग्या शरणार्थियों का समर्थन करने के लिए लगभग दो बिलियन डॉलर की मानवीय सहायता भी प्रदान की थी।

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