न्यूक्लियर आर्म्स कंट्रोल पर रूस के साथ बातचीत करने को तैयार अमेरिका! NSA सुलिवन जाहिर कर सकते हैं इच्छा
नाम न छापने की शर्त पर दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन शुक्रवार को आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के एक संबोधन के दौरान एक नए ढांचे के निर्माण पर बातचीत के लिए बाइडेन प्रशासन की इच्छा को स्पष्ट करेंगे।
By AgencyEdited By: Vinay SaxenaUpdated: Fri, 02 Jun 2023 05:46 PM (IST)
वॉशिंगटन, एपी। अमेरिका परमाणु हथियार नियंत्रण ढांचे के बारे में बिना किसी पूर्व शर्त के रूस के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हो गया है। नाम न छापने की शर्त पर दो वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन शुक्रवार को आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के एक संबोधन के दौरान एक नए ढांचे के निर्माण पर बातचीत के लिए बाइडेन प्रशासन की इच्छा को स्पष्ट करेंगे।
रूस ने न्यू स्टार्ट संधि से खुद को किया था अलग
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने फरवरी में न्यू स्टार्ट संधि से खुद को अलग कर लिया था। हालांकि, रूस ने कहा कि वह परमाणु हथियारों पर संधि की सीमा का सम्मान करेगा। इस संधि का उद्देश्य परमाणु हथियारों की संख्या को 1550 तक सीमित करना था।अधिकारियों ने कहा कि जेक सुलिवन अपने संबोधन के दौरान बताएंगे कि रूस संधि का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन, साथ ही फरवरी 2026 में संधि समाप्त होने के बाद परमाणु जोखिमों के प्रबंधन के लिए एक नया ढांचा बनाने के बारे में 'संकेत देने के लिए हम बातचीत के लिए तैयार हैं'।
संधि समाप्त होने तक वारहेड कैप पर टिके रहने को तैयार अमेरिका
अधिकारियों ने कहा कि बाइडेन प्रशासन संधि के समाप्त होने तक वारहेड कैप पर टिके रहने को तैयार है। 2026 के बाद के फ्रेमवर्क के बारे में ब्यौरों का पता लगाना अमेरिका-रूस तनाव और चीन की बढ़ती परमाणु ताकत से जटिल होगा।US Debt Ceiling Deal: अमेरिकी सीनेट ने ऋण सीमा विधेयक किया पारित, अमेरिका का ऋण सीमा संकट टला
चीन के पास मौजूद हैं 410 परमाणु हथियार
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के एक वार्षिक सर्वे के अनुसार, चीन के पास अब लगभग 410 परमाणु हथियार हैं। पेंटागन ने नवंबर में अनुमान लगाया था कि चीन के हथियारों की संख्या दशक के अंत तक बढ़कर 1,000 और 2035 तक 1,500 हो सकती है। अधिकारियों के मुताबिक, चीन के शस्त्रागार का आकार और क्या बीजिंग ठोस बातचीत में शामिल होने के लिए तैयार है, अमेरिका की भविष्य की ताकत और रशियन्स के साथ किसी भी समझौते पर आने की वॉशिंगटन की क्षमता को प्रभावित करेगा।