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क्या US की निगरानी के लिए क्यूबा में जासूसी केंद्र स्थापित कर रहा चीन? सामने आया अमेरिका का बयान

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि बीजिंग और हवाना ने कैरेबियाई द्वीप पर एक जासूसी केंद्र स्थापित करने के लिए गुप्त समझौता किया है जो अमेरिका की निगरानी कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया था कि यह केंद्र एक द्वीप पर स्थापित किया जाएगा।

By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 09 Jun 2023 05:04 AM (IST)
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US की निगरानी के लिए जासूसी केंद्र स्थापित कर रहा चीन? (फोटो: रायटर)
वाशिंगटन, एएफपी। व्हाइट हाउस ने गुरुवार को चीन की क्यूबा में एक जासूसी केंद्र स्थापित करने की योजना वाली रिपोर्ट का खंडन किया।

क्या है पूरा मामला?

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि बीजिंग और हवाना ने कैरेबियाई द्वीप पर एक जासूसी केंद्र स्थापित करने के लिए गुप्त समझौता किया है, जो अमेरिका की निगरानी कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया था कि यह केंद्र अमेरिका के फ्लोरिडा से 100 मील की दूरी पर मौजूद एक द्वीप पर स्थापित किया जाएगा।

व्हाइट हाउस ने क्या कुछ कहा?

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने अज्ञात अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से बताया कि चीनी फैसिलिटी को स्थापित करने के लिए बीजिंग क्यूबो को कई अरब डॉलर का भुगतान करेगा। हालांकि, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने इस कहानी को सिरे से खारिज कर दिया।

जॉन किर्बी ने एमएसएनबीसी को बताया, "मैंने वह प्रेस रिपोर्ट देखी है। यह सटीक नहीं है।" वहीं, पेंटागन के प्रवक्ता पैट राइडर ने भी वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को गलत बताया। पैट राइडर ने कहा, हमें इस बात की जानकारी नहीं है कि चीन और क्यूबा किसी तरह का जासूसी केंद्र विकसित कर रहे हैं।

क्या बोले सीनेटर मार्क वार्नर?

हालांकि, डेमोक्रेटिक सीनेटर मार्क वार्नर और रिपब्लिकन मार्को रुबियो, जो सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के प्रमुख हैं, ने एक बयान में कहा कि वे जर्नल की रिपोर्ट से काफी परेशान थे। उन्होंने कहा कि अमेरिका को देश की सुरक्षा पर चीन के चल रहे हमलों का जवाब देना चाहिए।

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट ऐसे मौके पर आई जब वाशिंगटन और बीजिंग के बीच कई मुद्दों को लेकर तनाव बना हुआ है। जिसमें अमेरिका द्वारा ताइवान का साथ दिया जाना भी शामिल है।

गौरतलब है कि फ्लोरिडा के दक्षिणी सिरे से 90 मील दूर स्थित क्यूबा में चीन का जासूसी केंद्र अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है, क्योंकि अमेरिका की निगरानी के लिए सोवियत संघ के पास क्यूबा में इलेक्ट्रॉनिक जासूसी सुविधाएं थीं।