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ईरानी कंपनी को मदद करने वाले चीनी नेटवर्क पर अमेरिका ने लगाया प्रतिबंध

एक व्यक्ति पर ईरान के मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) खरीद के प्रयासों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। यह नेटवर्क ईरान एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्टि्रयल कंपनी को हजारों एयरोस्पेस घटकों की बिक्री और शिपमेंट के लिए जिम्मेदार है।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 09 Mar 2023 11:12 PM (IST)
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ड्रोन के उत्पादन में शामिल ईरानी कंपनी को पुर्जे उपलब्ध कराने का आरोप
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका ने गुरुवार को चीन स्थित एक नेटवर्क पर प्रतिबंध लगा दिया। उस पर आरोप है कि उसने ड्रोन के उत्पादन में शामिल एक ईरानी कंपनी को एयरोस्पेस के पुर्जे भेजे थे। आरोप है कि तेहरान ने तेल टैंकरों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल के साथ ही ड्रोन का निर्यात रूस को भी किया था। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने बयान में कहा कि उसने चीन स्थित पांच कंपनियों के नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाया है।

तेल टैंकरों पर ईरान की ओर से हमला करने में ड्रोन का किया गया था इस्तेमाल

साथ ही एक व्यक्ति पर ईरान के मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) खरीद के प्रयासों का समर्थन करने का आरोप लगाया है। यह नेटवर्क ईरान एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग इंडस्टि्रयल कंपनी को हजारों एयरोस्पेस घटकों की बिक्री और शिपमेंट के लिए जिम्मेदार है। जिन्हें यूएवी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। कंपनी शहीद-136 यूएवी माडल के उत्पादन में शामिल रही है। इसका इस्तेमाल ईरान ने तेल टैंकरों पर हमला करने के लिए किया था।

ड्रोन के उत्पादन में शामिल ईरानी कंपनी को पुर्जे उपलब्ध कराने का आरोप

ट्रेजरी डिपार्टमेंट के अधिकारी ने कहा कि रूस को यूक्रेन में युद्ध में उपयोग के लिए घातक यूएवी की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क को अमेरिका निशाना बनाता रहेगा। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने जनवरी में कहा था कि रूस को ड्रोन की मदद देकर ईरान युद्ध अपराध में सहायता कर रहा है। ईरान ने यह स्वीकार किया था कि उसने रूस को ड्रोन भेजे हैं, लेकिन ये फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर आक्रमण से पहले दिया गया था। वहीं, मास्को ने यूक्रेन युद्ध में किसी भी ईरानी ड्रोन के इस्तेमाल से इन्कार किया था।