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रूस को जयशंकर के संदेश का अमेरिका ने किया समर्थन, कहा- मोदी के बयान 'यह जंग का युग नहीं' से मिलता-जुलता

अमेरिकी प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत ने एक बार फिर यूक्रेन जंग के खिलाफ राय दी है। वह इस जंग का बातचीत से खात्मा चाहता है। उन्होंने कहा कि रूसी लोग भारत जैसे उन देशों के संदेश को सुनें जिनके पास आर्थिक राजनयिक सामाजिक और राजनीतिक ताकत है।

By AgencyEdited By: Sanjeev TiwariUpdated: Wed, 09 Nov 2022 11:28 AM (IST)
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अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस (फाइल फोटो)
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका ने एक बार फिर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के मॉस्को यात्रा में रूस-यूक्रेन जंग को लेकर दिए गए बयान का समर्थन किया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि जयशंकर का रूस को संदेश पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व में दिए गए बयान से भिन्न नहीं है। मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा था कि 'यह जंग का युग नहीं है।'

अमेरिकी प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि भारत ने एक बार फिर यूक्रेन जंग के खिलाफ राय दी है। वह इस जंग का कूटनीति और बातचीत से खात्मा चाहता है। उन्होंने कहा कि रूसी लोग भारत जैसे उन देशों के संदेश को सुनें, जिनके पास आर्थिक, राजनयिक, सामाजिक और राजनीतिक ताकत है।

चीन के बाद भारत रुस का सबसे बड़ा तेल ग्राहक है। भारत और रुस लगातार अपने व्यापारिक संबंधों का विस्तार कर रहा है। ऐसे में भारत को रूस से दूर रहने के लिए मनाने में अमेरिका सक्षम क्यों नहीं है? इसका जवाब देते हुए नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका और भारत के संबंध काफी अच्छे हैं। हाल के दिनों में भारतीय समकक्षों के साथ कई उच्च स्तरीय वार्ता हुई है। उप सचिव शर्मन ने भारतीय विदेश सचिव क्वात्रा से मुलाकात की और अमेरिका-भारत संबंधों के बारे में व्यापक चर्चा की। सचिव ब्लिंकन ने कुछ दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर से मुलाकात की थी। भारत-अमेरिका के बीच लगातार वार्ता जारी है।

अमेरिका ने भारत के साथ हर क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत किया: US

इसके साथ ही नेड प्राइस ने भारत को आगाह किया कि रूस ऊर्जा और सुरक्षा सहायता को लेकर भरोसेमंद नहीं है। भारत यदि समय के साथ रूस पर अपनी निर्भरता कम करेगा तो यह न केवल यूक्रेन या क्षेत्र के हित में होगा, बल्कि यह भारत के अपने द्विपक्षीय हित में भी होगा, यह हमने रूस के रवैये को देखते हुए महसूस किया है। नेड प्राइस ने कहा कि अमेरिका ने भारत के साथ हर क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत किया है। इनमें आर्थिक, सुरक्षा, सैन्य सहयोग भी शामिल है।भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर बुधवार सुबह ही मॉस्को से लौटे हैं।

भारत-रूस संबंध फायदेमंद : जयशंकर

इससे पहले जयशंकर ने मॉस्को में रूस से तेल आयात को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा था कि भारत-रूस संबंध फायदेमंद रहे हैं, इसलिए मैं इसे जारी रखना चाहूंगा। बता दें, अमेरिका ने लगातार कहा है कि भारत और रूस का रिश्ता दशकों पुराना है और यह निरंतर विकसित और मजबूत हुआ है। ये तब बना था जब शीत युद्ध के दौरान अमेरिका के भारत से ऐसे रिश्ते नहीं थे कि वह भारत का आर्थिक, सुरक्षा और सैन्य भागीदार बन सके। लेकिन, पिछले 25 सालों में अमेरिका और भारत के रिश्ते बदले हैं।

वार्ता और कूटनीति का रास्ता अपनाएं रुस-यूक्रेन: जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान को फिर दोहराया कि यह समय युद्ध का नहीं है और दोनों पक्षों को बगैर किसी देरी के वार्ता व कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहिए। वह मास्को में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। रूस से ईंधन नहीं खरीदने का दबाव बना रहे अमेरिका और पश्चिमी देशों को एक बार फिर करारा जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा कि अपने नागरिकों को किफायती दर पर ईंधन उपलब्ध कराना भारत सरकार का मौलिक कर्तव्य है। उन्होंने संकेत दिया कि इस वर्ष भारत ने रूस से ज्यादा तेल की खरीद शुरू की है जिसे आगे भी जारी रखने की कोशिश होगी।