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पुतिन से बोले पीएम मोदी, 'यह युद्ध का समय नहीं',अमेरिका ने किया स्वागत; कहा- भारत का यह एक सैद्धांतिक बयान

एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी के बयान पर एक सवाल के जवाब में सुलिवन ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह सही और न्यायपूर्ण है। उनकी ओर से यह एक सैद्धांतिक बयान था।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Wed, 21 Sep 2022 09:59 AM (IST)
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन की फाइल फोटो
वाशिंगटन, एजेंसी। हाल ही में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात एससीओ बैठक में हुई थी। इस मुलाकात में दोनों ही देशों के शीर्ष नेताओं के बीच यूक्रेन युद्ध समेत कई अहम मुद्दों पर हुई थी। पुतिन और पीएम मोदी के बीच युक्रेन मसले पर हुई बात को लेकर बाइडन प्रशासन की ओर से बयान जारी किया गया है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Jake Sullivan) ने मंगलवार को कहा कि पुतिन के साथ पीएम मोदी की बातचीत कि 'यह यूक्रेन में युद्ध का समय नहीं है।' पुतिन के साथ हुई पीएम मोदी की बैठक में यह एक सैद्धांतिक बयान था, जिसे वह सही मानते हैं। अमेरिका भारत के इस बयान का स्वागत करता है।

एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी के बयान पर एक सवाल के जवाब में सुलिवन ने कहा कि मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जो कहा वह सही और न्यायपूर्ण है। उनकी ओर से यह एक सिद्धांतिक बयान था। अमेरिका की ओर से इस बयान का स्वागत किया गया। अमेरिका और भारतीय नेतृत्व जिसके मास्को में लंबे समय से संबंध हैं। रूसी सरकार के माध्यम से उस संदेश को मजबूत रखना है। अब युद्ध समाप्त होने का समय है।

आप अपने पड़ोसी के क्षेत्र को नहीं जीत सकते बलपूर्वक: अमेरिका

उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से यह युद्ध समाप्त होना चाहिए, वह रूस के लिए संयुक्त राष्ट्र चार्टर की मूल शर्तों का पालन करना और उन क्षेत्रों को वापस करना है जिन्हें उसने बलपूर्वक जब्त कर लिया है। यूक्रेन या अमेरिका सभी को इस मूल प्रस्ताव के इर्द-गिर्द केंद्रित होने में सक्षम होना चाहिए। आप अपने पड़ोसी के क्षेत्र को बलपूर्वक नहीं जीत सकते हैं। यदि रूस उस प्रयास को छोड़ देता है, तो यूक्रेन में शांति सबसे तेज और निर्णायक रूप से आएगी।

रूस को अचूक संदेश भेजना, उस क्षेत्र में शांति पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण: अमेरिका

सुलिवन ने कहा कि वे दुनिया के हर देश को ऐसा करते हुए देखना चाहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि रूस को एक स्पष्ट और अचूक संदेश भेजना उस क्षेत्र में शांति पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही कहा कि हम चाहते हैं कि दुनिया का हर देश ऐसा करे। वे चाहें तो इसे सार्वजनिक रूप से कर सकते हैं। वे चाहें तो इसे निजी तौर पर कर सकते हैं। लेकिन इस समय मॉस्को को वह स्पष्ट और अचूक संदेश भेजना सबसे महत्वपूर्ण बात है, जो मुझे लगता है कि हम सामूहिक रूप से उस क्षेत्र में शांति पैदा करने के लिए कर सकते हैं।

गौरतलब है कि शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से कहा कि आज का युग युद्ध का नहीं है। शांति को लेकर मैंने इस बारे में आपसे फोन पर बात की थी। भारत और रूस कई दशकों से एक-दूसरे के साथ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में द्विपक्षीय बैठक के दौरान रूसी राष्ट्रपति से यह बात कही थी।