S-400 मिसाइल पर गरमाई राजनीति: रिपब्लिकन सीनेटर ने कहा- 'भारत के खिलाफ काटसा प्रतिबंध लगाना बड़ी मूर्खता होगी'
अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के नेता व प्रभावशाली सीनेटर टेड क्रूज ने राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से कहा कि रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए भारत पर काटसा के तहत कोई भी प्रतिबंध लगाना बड़ी मूर्खता होगी।
By Ramesh MishraEdited By: Updated: Wed, 09 Mar 2022 08:03 AM (IST)
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका की रिपब्लिकन पार्टी के नेता व प्रभावशाली सीनेटर टेड क्रूज ने राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से कहा कि रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली खरीदने के लिए भारत पर काटसा के तहत कोई भी प्रतिबंध लगाना 'बड़ी मूर्खता' होगी। काटसा एक अमेरिकी कानून है, जो प्रशासन को रूस से हथियारों की खरीद करने वाले देश के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की अनुमति देता है।
सीनेट की विदेश मामलों की समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान क्रूज ने कहा, 'ऐसी रिपोर्ट हैं कि बाइडन प्रशासन धरती के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत के खिलाफ काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (काटसा) के तहत प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। मुझे लगता है कि यह फैसला असाधारण रूप से मूर्खतापूर्ण होगा।'क्रूज ने कहा, 'भारत कई क्षेत्रों में अहम साझेदार है। हाल के कुछ वर्षों में भारत व अमेरिका का गठबंधन और गहरा तथा मजबूत हुआ है, लेकिन बाइडन प्रशासन में यह आगे बढ़ने के बजाय पीछे की ओर जा रहा है।'
यूक्रेन में रूसी हमले को लेकर निंदा प्रस्ताव पर मतदान के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की अनुपस्थिति का जिक्र करते हुए क्रूज ने कहा कि ऐसा करने वाला वह एकमात्र देश नहीं है। उन्होंने समिति के समक्ष एक अन्य सुनवाई के दौरान कहा कि पिछले एक साल में बाइडन प्रशासन के अंतर्गत भारत के साथ संबंध काफी खराब हुए हैं, जो संयुक्त राष्ट्र में निंदा प्रस्ताव के दौरान भारत के उपस्थित नहीं रहने से जाहिर है।
'रूस को लेकर भारत की हैं कुछ मजबूरियां'यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआइबीसी) के अध्यक्ष अतुल केशप ने सांसदों से कहा, 'भारत की रूस के साथ मजबूरियां हैं और पड़ोसी चीन के साथ क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर संबंध तनावपूर्ण हैं। मुझे लगता है कि अमेरिकी के रूप में हमारी भारतीयों के प्रति, उनके लोकतंत्र व उनकी व्यवस्था के बहुलवाद को लेकर आत्मीयता है।'
विदेश मंत्रालय में कई पदों पर काम कर चुके केशप ने सदन की विदेश मामलों की समिति द्वारा हिंद-प्रशांत पर आयोजित संसद की सुनवाई के दौरान अपनी राय साझा की। संसद सदस्य अबिगैल स्पैनबर्जर ने पूछा, 'भारत, रूस व रूसी हितों पर दुनियाभर में कई देशों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों को लागू करने का कैसा प्रयास करेगा?' केशप ने कहा, 'मेरी राय है कि सभी देश अपने फैसले खुद लेते हैं। वे सभी जानकारियां लेते हैं और निर्णय लेते हैं कि उनके लिए क्या अच्छा होगा।'
उन्होंने कहा कि भारत हाल में विशेष रूप से व्यापार व्यवस्था पर बहुत अधिक महत्वाकांक्षा और उद्यमशीलता की भावना दिखा रहा है। केशप ने कहा, 'अगर आप ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरात, आस्ट्रेलिया व इजरायल के साथ उनकी बातचीत को देखें, तो पाएंगे कि वे उन देशों के साथ अपने रिश्ते को कैसे प्राथमिकता दे रहे हैं।'