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PM US Visit: पीएम मोदी के दौरे के बीच अमेरिका ने H-1B वीजा की ओर बढ़ाए कदम, भारतीयों को होगा फायदा: रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं। वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी की इस सप्ताह की राजकीय यात्रा के बदले बाइडन प्रशासन भारतीयों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में रहना और काम करना आसान बना सकता है। एच-1बी वीजा (H-1B visas) पर कुछ भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी विदेश यात्रा किए बिना अमेरिका में उन वीजा को नवीनीकृत कर सकेंगे।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Thu, 22 Jun 2023 09:35 AM (IST)
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PM मोदी के दौरे के बीच अमेरिका ने H-1B वीजा की ओर बढ़ाए कदम
वाशिंगटन, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं। वहीं, दूसरी तरफ पीएम मोदी की इस सप्ताह की राजकीय यात्रा के बदले बाइडन प्रशासन भारतीयों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में रहना और काम करना आसान बना सकता है।

सूत्रों में से एक ने कहा कि विदेश विभाग गुरुवार को जल्द ही घोषणा कर सकता है कि एच-1बी वीजा (H-1B visas) पर कुछ भारतीय और अन्य विदेशी कर्मचारी विदेश यात्रा किए बिना अमेरिका में उन वीजा को नवीनीकृत कर सकेंगे। पायलट कार्यक्रम जिसका आने वाले सालों में विस्तार किया जा सकता है।

H-1B वर्कर्स में 73% हैं भारतीय नागरिक

भारतीय नागरिक अब तक यूएस एच-1बी कार्यक्रम (US H-1B program) के सबसे सक्रिय उपयोगकर्ता हैं और वित्तीय वर्ष 2022 में लगभग 442,000 एच-1बी वर्कर्स (H-1B workers) में से 73% भारतीय नागरिक हैं।

एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि हम सभी मानते हैं कि हमारे लोगों की गतिशीलता हमारे लिए एक बड़ी संपत्ति है और इसलिए हमारा लक्ष्य एक तरह से बहुमुखी तरीके से संपर्क करना है। विदेश विभाग पहले से ही चीजों में बदलाव लाने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने के लिए बहुत मेहनत कर रहा है।

विदेश विभाग के प्रवक्ता ने उन सवालों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि कौन से प्रकार के वीजा योग्य होंगे या पायलट लॉन्च का समय क्या होगा। पायलट कार्यक्रम की योजना पहली बार फरवरी में ब्लूमबर्ग लॉ द्वारा रिपोर्ट की गई थी।

कंपनियों को मिलते हैं 65,000 H-1B वीजा

हर साल अमेरिकी सरकार कुशल विदेशी श्रमिकों की तलाश करने वाली कंपनियों को 65,000 एच-1बी वीजा (H-1B visas) उपलब्ध कराती है। साथ ही उन्नत डिग्री वाले श्रमिकों के लिए अतिरिक्त 20,000 वीजा उपलब्ध कराती है। वीजा तीन साल तक चलता है और इसे अगले तीन साल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।

अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, हाल के वर्षों में सबसे अधिक एच-1बी कर्मचारियों (H-1B workers) का उपयोग करने वाली कंपनियों में भारत स्थित इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ-साथ अमेरिका में अमेजन, अल्फाबेट और मेटा शामिल हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि कुछ अस्थायी विदेशी कर्मचारियों के लिए अमेरिका में वीजा नवीनीकृत करने की क्षमता विदेश में वाणिज्य दूतावासों में वीजा साक्षात्कार के लिए संसाधनों को मुक्त कर देगी।

सूत्रों में से एक ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट में एल-1 वीजा (L-1 visas) वाले कुछ कर्मचारी भी शामिल होंगे, जो किसी कंपनी के भीतर अमेरिका में किसी पद पर स्थानांतरित होने वाले लोगों के लिए उपलब्ध हैं।

दोनों देशों के बीच हो सकती है चर्चा

एक सूत्र ने कहा कि भारत में अमेरिकी दूतावासों में वीजा आवेदनों के बैकलॉग को साफ करने की एक अलग पहल से प्रगति के संकेत दिख रहे हैं और इस सप्ताह वॉशिंगटन में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों के बीच इस पर चर्चा होने की उम्मीद है।

भारत लंबे समय से इस बात को लेकर चिंतित था कि उसके नागरिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए वीजा प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जिसमें प्रौद्योगिकी उद्योग के कर्मचारी भी शामिल हैं।

श्रम विभाग के अनुसार, अप्रैल के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका में 10 मिलियन से अधिक नौकरियाँ खुली थीं।

अमेरिका में कुछ एच-1बी वीजा धारक (H-1B visa holders) इस साल निकाले गए हजारों तकनीकी कर्मचारियों में से हैं, जिससे उन्हें 60 दिनों की अनुग्रह अवधि के भीतर नए नियोक्ता खोजने या अपने देश लौटने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

मार्च 2020 में वाशिंगटन द्वारा COVID-19 महामारी के कारण दुनिया भर में लगभग सभी वीज़ा प्रसंस्करण (visa processing) को रोकने के बाद अमेरिकी वीजा सेवाएं (U.S. visa services) अभी भी बैकलॉग को साफ करने का प्रयास कर रही हैं।

वीजा बैकलॉग के कारण कुछ परिवारों को लंबे समय तक अलग रहना पड़ा था तो वहीं, कुछ ने सोशल मीडिया पर अपनी स्थिति को लेकर दुख व्यक्त किया था।