अमरिका ने एच-1बी, ईबी-5 व एल-1 वीजा शुल्क में की भारी बढ़ोतरी, भारतीयों को होगा नुकसान
भारतीयों में ये गैर-आप्रवासी वीजा श्रेणियां काफी लोकप्रिय है जिसके कारण उन्हें झटका लगा है। संघीय अधिसूचना के अनुसार एक अप्रैल से वीजा शुल्कों में वृद्धि प्रभावी होगी। एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क के लिए अब 460 डालर की जगह 780 डालर का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार एच-1बी पंजीकरण शुल्क 10 डालर से बढ़ाकर 215 डालर कर दिया गया है लेकिन यह अगले वर्ष से लागू होगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी ने गैर-आप्रवासी वीजा की विभिन्न श्रेणियों में भारी शुल्क वृद्धि की घोषणा की है। इसमें भारतीयों में लोकप्रिय एच-1बी, ईबी-5 और एल-1 वीजा शामिल हैं। फीस बढ़ोतरी आगामी एक अप्रैल से प्रभावी होगी।
बुधवार को जारी संघीय अधिसूचना के अनुसार, एच-1बी वीजा आवेदन शुल्क के लिए अब 460 डालर की जगह 780 डालर का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार एच-1बी पंजीकरण शुल्क 10 डालर से बढ़ाकर 215 डालर कर दिया गया है, लेकिन यह अगले वर्ष से लागू होगा।
इसी तरह एल-1 वीजा शुल्क 460 डालर से बढ़ाकर 1,385 डालर कर दिया गया है। इसके साथ ही निवेशकों के वीजा के रूप में जाना जाने वाला ईबी-5 के लिए शुल्क 3,675 डालर से बढ़ाकर 11,160 डालर कर दिया गया है। 2016 के बाद शुल्क वृद्धि पहली बार एक अप्रैल से लागू होगा।
उल्लेखनीय है कि एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित विदेशी पेशेवरों को नियुक्ति की अनुमति देता है। इसी तरह एल-1 वीजा जो इंट्राकंपनी डिजाइन किया गया है। जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उनके विदेशी कार्यालय में कार्यरत कुछ कर्मचारियों को अमेरिका में अस्थायी रूप से काम करने की अनुमति देता है।
वहीं, ईबी-5 प्रोगाम को अमेरिका ने 1990 में लांच किया था, जो निवेशकों को आकर्षित करता है। इसके तहत अमेरिकी बिजनेस में पांच लाख डालर का निवेश कर आवेदक अपने और परिवार के लिए अमेरिकी वीजा प्राप्त कर सकता है।